परिवार वाले कर रहे थे सगाई, लेकिन बेटी पढऩा चाहती थी, झाबुआ एसपी से मांगी मदद, तो जिले की सीमा पार कर एसपी ने भिजवाई मदद

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झाबुआ लाइव के लिए दिनेश वर्मा की रिपोर्ट-

झाबुआ पुलिस का बालिका सशक्तिकरण अभियान आज एक बालिका की जान व भविष्य बचाने में कामयाब रहा। झाबुआ पुलिस की निर्भया मोबाइल ने झाबुआ जिले की सीमा को पार करते हुए पड़ोसी धार जिले के रिंगनोद थाने के एक गांव मेें पहुंचकर पुलिस की मदद चाहने वाली एक युवती की मदद की। पुलिस अधीक्षक महेशचंद जैन के मुताबिक कल देर रात ममता डामोर पिता मेथू डामोर निवासी होलातलाई थाना रिंगनोद जिला धार लगातार फोन कर यह मदद मांग रही थी कि परिवार वाले उसकी सगाई तय कर रहे हैं जबकि वह पढऩा चाहती है और पुलिस में कांस्टेबल बनाना चाहती है। इसी तरह का एसएमएस ममता ने झाबुआ एसपी को भी दिया जिसमें यह चेतावनी भी दी गई थी कि अगर उसकी शुक्रवार को सगाई हो गई तो वह कुएं में कूदकर जान दे देगी। इस पर एसपी ने पहले धार एसपी से संपर्क साधने का प्रयास किया लेकिन जब संपर्क नहीं हो पाया तो झाबुआ पुलिस की निर्भया मोबाइल धार जिले के रिंगनोद के होलातलाई गांव के लिए रवाना की गई। निर्भया टीम ने संबंधित गांव पहुंचकर ममता डामोर के घर को खोज निकाला, और तब तक ममता की सगाई करने के लिए भी लडक़े वाले आ चुके थे। इस पर निर्भया की टीम ने एसपी के निर्देश पर लडक़े वालों एवं ममता के माता-पिता की काउंसलिंग की और बताया कि अगर वह पढऩा चाहती है और आगे बढऩा चाहती है तो उसकी सगाई न की जाए। इस पर परिवार वाले मान गए व लडक़े वाले भी वापस लौट गए।

राणापुर में हुई थी बालिका सशक्तिकरण अभियान से प्रभावित-

अब आप सोच रहे होंगे कि धार जिले की ममता के पास झाबुआ एसपी का नंबर कैसे आया? तो इसके पीछे की कहानी यह है कि झाबुआ एसपी महेशचंद जैन झाबुआ जिले के हर बालिका हायर सेकंडरी स्कूल में जाते है तथा बालिकाओं को पढऩे व आगे बढऩे की शपथ दिलाते हैं। उन्हें शासकीय सेवाओं में आने के लिए प्रेरित करते हैं, पुस्तके वितरित करवाते हैं। साथ ही साथ अपना मोबाइल नंबर एवं निर्भया मोबाइल नंबर भी प्रत्येक बालिका को नोट करवाते हैं। इसी तरह के बालिका सशक्तिकरण सम्मेलन में राणापुर कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में विगत वर्ष ममता डामोर ने एसपी को सुना था तथा उनके नंबर नोट किए थे। ममता डामोर भले ही धार जिले की रहने वाली हो लेकिन वह राणापुर कन्या हायर सेकडंरी स्कूल की कक्षा 12वीं की नियमित छात्रा है।

पुलिस मदद से अभिभूत है ममता, बोली पुलिस कांस्टेबल बनूंगी-

झाबुआ पुलिस द्वारा धार में ममता डामोर के गांव में जाकर उसकी सगाई रुकवाने एवं उसे पढऩे व आगे बढऩे के लिए परिजनों को समझाइश देने की झाबुआ पुलिस की पहल से ममता डामोर अभिभूत है। भावुक होकर वह कहती है कि झाबुआ एसपी ने एक तरह से उसे जीवनदान दे दिया है। अब वह सोमवार को झाबुआ आएगी, और एसपी से मिलकर पुलिस कान्सटेबल बनने की तैयारी में जुटेंगी। ममता ने झाबुआ लाइव को बताया कि पुलिस कान्सटेबल बनना उसका सपना है तथा पुलिस में आकर वह अपने जैसी बेटियों के सशक्तिकरण के अभियान का हिस्सा बनना चाहती है।

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