पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों में नहीं किया जा रहा शासकीय नियमों का पालन

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आलीराजपुर। पूर्व विधायक मुकेश पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए गए निर्माण कार्यों में शासकीय नियमों का पालन नहीं करते हुए भ्रष्टाचार करने किए जाने की शिकायत की है। पत्र में कहा है कि जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ये नए निर्माण कार्यों में संबंधित कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा विगत वर्ष 2011-12 से निरंतर किये जा रहे निर्माण कार्यो मे शासन के नियमों का पालन नहीं करते हुए लाखों करोड़ों के भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं। 

यह मांग रखी पत्र में

  1. ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा पंचायत ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न योजनाओं के निर्माण कार्य विगत वर्षों 2011-12 से 2017-18 मे स्वीकृत कार्य तालाब, स्टाप डेम कितने बनाये गये? यदि बनाये गये तो धरातल पर क्यो नही दिख रहे। इसमे विभाग द्वारा भारी फर्जीवाड़ा किया गया है। यदि बनाये गये हे तो पोर्टल पर फोटो क्यो नहीं है। केवल बिलो के भुगतान दिखाई दे रहे हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

  2. ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा पंचायत ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न योजनाओं के निर्माण कार्यो को बिना टेंडर के विभाग के उपयंत्री श्री जाटव द्वारा लाखो करोड़ो रुपये के निर्माण कार्य स्वयं ठेकेदार बनकर कराये जा रहे है इनके द्वारा जिले के बहार के फर्जी ठेकेदार, फर्म व कम्पनी के बिल लगाकर लाखो के भुगतान कर स्वयं लाभ ले रहे हैं।आज की ताजा स्थिति मे भी कार्य मशीनों द्वारा कराया जा रहा है।श्री जाटव की आयकर विभाग द्वारा जांच की जावे। पेपर कटिंग संलग्न है।

  3. ग्राम साकड़ी विकास खण्ड सोंडवा मे मनरेगा योजना से स्वीकृत पुलिया जिसकी लागत लगभग 45 से 46 लाख है। जोलगभग  वर्ष 2021-22 मे स्वीकृत किया जा कर कार्य एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को बनाया गया था। विभाग द्वारा पुलिया अधूरा बनाया गया जो आज भी पूर्ण नही हुआ है। राशि पुरी खर्च कर दी गई हैं। गांव के मजदूरों को मजदूरी भी भुगतान नही हुई है। इसकी जांच की जावे और दोषी अधिकारी पर कार्यवाही कर वसूली की जावे।फोटो संलग्न है।

  4. ग्राम पंचायतो द्वारा कराये जा रहे निर्माण करो मे उपयोग समग्री के बिना GST बिलो के हजारों लाखो की राशि भुगतान की जा रही है, भुगतान बिलो पर कोई भी टेक्स नहीं काटा जा रहा है जिससे शासन को नुकसान हो रहा है।

  5. सभी ग्राम पंचायतो मे विगत वर्षों से विधायक, सांसद निधि योजना से पानी के टेंकर वितरित किये गये है और किये जा रहे है। उसके बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्यो मे पानी के टेंकर भाड़ा बताया जाकर हजारों लाखो का भुगतान  किया जा रहा है। जो गलत व फर्जी भुगतान हो रहा है। इसके प्रमाण पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड बिल देखे जा सकते हैं।

  6. पंचायत दर्पण पोर्टल शासन ने ग्राम पंचायत मे किये जा रहे विकास कार्यो की पारदर्षिता रखने के लिए बनाया गया है। किन्तु अधिकांश ग्राम पंचायतो द्वारा विभिन्न योजनाओं के किये जा रहे निर्माण कार्यो के बिल, कार्यो के फोटो पोर्टल पर अपलोड किये जाने का प्रावधान है पर नही किये जा रहे है। इसका प्रमाण पोर्टल पर देखा जा सकता है। इससे यह प्रतीत होता है की धरातल पर काम नही होकर केवल कागज पर किया जा रहा है।

7. ग्रामीण यांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यो मे मिट्टी, मुरम और रेत क्रय की जाकर उपयोग की जा रही है। उक्त ग्रामीण यांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा किये जिस फर्म से खरीदी हजारों लाखो के बिल भुगतान किये गये और किये जा रहे है। क्या विक्रेता फर्म द्वारा खनिज विभाग से मिट्टी, मुरम और रेत की रॉयल्टी प्राप्त की जाकर विक्रय किया जा रहा है। इसमे खनिज विभाग की बड़ी लापरवाही की जा रही हैं। क्योकि कोई भी रॉयल्टी का उपयोग नही किया जा रहा हैं। यदि रॉयल्टी का उपयोग किया गया है। तो खनिज विभाग बतावे की ग्रामीण यांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा किये गये विभिन्न निर्माण कार्यो मे मिट्टी, मुरम और रेत के भुगतान बिलो अनुसार कितनी राशि की रॉयल्टी जारी की गई है। इसकी जांच की जावे। उपरोक्त बिन्दु अनुसार जांच की जावे ताकि शासन को होने वाली हानि को रोकी जा सके ओर अनियमितता बरतने वालों पर कार्यवाही हो सके यही अनुरोध है।

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