नृसिंह -ऋषभदेव मन्दिर निर्माण हेतू पियुषविजय  म.सा से की चर्चा

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थांदला

भक्त संत मलूकदास जी व्दारा स्थापित नगर के सामाजिक सांस्कृति एकात्मता की प्राचीन एतिहासिक धरोहर नृसिंह -ऋषभदेव मन्दिर निर्माण को लेकर पिछले 14 वर्षो से चले आ रहे विवाद के बीच गत दिनो सनातन धर्मावलम्बियों का प्रतिनिधी मण्डल झाबुआ पधारे मोहनखेडा तीर्थ के प्रवर्तक पूज्य संत ऋषभविजय जी म.सा के सुशिष्य पियुषविजय जी म.सा. से झाबुआ मे भेंट कर मन्दिर निर्माण को लेकर मिलाा था तथा एक मत से मन्दिर निर्माण हेतू अनुरोध किया था ।
इस पर मुनि श्री का थांदला आगमन होने पर एक बार पुनः सनातन धर्मावलम्बि प्रतिनिधी मण्डल सर्व श्री अशोक अरोरा, गगनेश उपाध्याय, व्दारकाप्रसाद शर्मा, लक्ष्मण राठौड ने शनिवार सायं मुनि श्री से भेंट कर मन्दिर निर्माण को लेकर चली आ रही मत भिन्नता के बारे में विस्तृत पक्ष रखते हूए 14 वर्षो से चले आ रहे लम्बे मामले का विस्तृत विवरण क्रमशः मुनि श्री के समक्ष प्रस्तुत किया । मुनि श्री ने ध्यान पूर्वक प्रतिनिधिमण्डल के विचारों को सुना । इस अवसर पर प्रतिनिधीमण्डल ने भी एक स्वर में कहाॅ की मन्दिर प्राचीन एतिहासिक महत्व की धरोहर थी जिसका निर्माण भक्त संत मकूलदासजी ने करवाया था । जिसका जीर्णोद्धार का संकल्प पूज्य ऋषभविजय जी म.सा ने लिया था । संतो व गुरूओं की किर्ती को यथा योग्य स्थापित करना हम सब का दायित्य है इसलिये मन्दिर निर्माण आपके सानिध्य में पूर्ण होंवें । संत गुरूओं की किर्ती दशों दिशाओं में फैले तथा कथित लोगो के व्दारा उत्पन्न किये जा रहे सामाजिक भेद का समापन हो।
मुनि श्री ने सनातन धर्मावलम्बियों को आश्वस्त किया की मन्दिर जीर्णोद्धार का संकल्प पूज्य गुरूदेव ऋषभविजय जी म.सा ने लिया था जिसे पूर्ण करना हमारा उत्तरदायित्व है भगवान नृसिंह-ऋषभदेव जी का मन्दिर अपनी जिस किर्ती व एतिहासिकता के साथ बना हूआ था । पूज्य गुरूदेव के आशीर्वाद से पुनः किर्ती व एतिहासिकता स्थापित करना मेरा भी संकल्प है क्‍योकी गुरु के संकल्प को पूर्ण करना शिष्य का कर्तव्य है और उसे मे पुरा करूँगा । जो संकल्प गुरु देव ने लिया था वो मेरे सर पर जैन समाजजन पर व सनातन समाजन के साथ सम्‍पूर्ण नगर पर भार है जिसे मुझे उतरना है। भगवान नृसिहं- ऋषभदेव मन्दिर अपने समान स्वरूप में समान आसन में पुनः अपने स्थान पर विराजमान होंगें । हम सब मिलकर नगर के सामाजिक सौहार्द के साथ इस कार्य को पूर्ण करेंगे । नगर में सभी की उन्नती हो सामाजिक समता बनी रहे समाज उत्तरोत्तर प्रगती करें यह हमारा भाव है किसी के भी मन को ठेस न पहॅूंचे ।
इस अवसर पर मनोहर परिहार, भेरूलाल वैघ, भेरूलाल मेहते, जगमोहनसिंह राठौड, जितेन्द्र राठौड, विजय राठौड, पंकज राठौड, राकेश सोनी, नृसिंह भक्त मण्डल के सचिन सोनी, श्रीमंत अरोरा, रोहित बैरागी पार्षद, पंकज चैहान, डा सागर मि़त्रा, अजय शुक्ला, सचिन सौलंकी, मुकेश चैहान सहीत बडी संख्या में विभिन्न समाज संगठनों के प्रतिनिधी उपस्थित थे । इतने वर्षो में पहली बार सौहार्दपूर्ण चर्चा हेतू मुनी श्री के प्रति बहौत बहौत आभार व साधूवाद ज्ञापित किया । मुनी श्री की वंदना का गायन विनित शर्मा व्दारा तथा संचालन समर्थ उपाध्याय पार्षद व्दारा किया गया ।

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