नापतोल विभाग की अनदेखी के कारण व्यापारियों की चांदी, गरीब खरीददार कम तोल के शिकार

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
जिले में कई ऐसे विभाग है जिन्हें अनेक जवाबदारी सौंपी गई है उन्हें अपने विभाग के नियमों आदि के परिपालन हेतु सतत निगरानी करना चाहिए। मगर देखा गया है कि ऐसे अनेक विभाग है जो कि अपने विभागीय कर्तव्यों के प्रति उदासीन रह रहे हैं।उनमें से नापतोल विभाग भी एक है जो कि अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन बने होने के कारण गरीब ग्राहकों को कम तोल का शिकार हो गए सरे बाजार लुटने को मजबूर होना पड़ रहा है।

अलीराजपुर झाबुआ जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होकर दोनों जिले में साक्षरता का स्तर अभी बहुत पीछे हैं ।ग्रामीण साप्ताहिक हाट बाजारों में अनेक रोजमर्रा के सामान खरीदने आते हैं ।इन साप्ताहिक हाट बाजारों में विभिन्न प्रकार के सामग्री विक्रेता व्यापारी आते हैं जो कि ठेलागाड़ीयो या नीचे जमीन पर बैठकर धंधा करते हैं ।यह व्यापारी खुले आम ग्राहकों को लुटते देखे जा सकते हैं। ऐसे ही एक आम फल की दुकान पर हमारे प्रतिनिधि ने आम विक्रेता की तराजू देखी तो पता चला कि तराजू के साथ छेड़छाड़ कर ग्राहक को चुना लगाया जा रहा है।2 किलो आम जब अन्य तराजू पर तौला गया तो 2 किलो में से 300 ग्राम वजन में कम निकले कम तोलने पर हमारे प्रतिनिधि ने उसे समझाया तथा दोबारा ऐसा नहीं करने की हिदायत दी।
अगले सप्ताह हमारे प्रतिनिधि ने पुनः इसी व्यापारी के साथ दो ग्रामीणों कमल सिंह कनेश( भोरदू) तथा रमेश बघेल (झोरा )को भेजा तथा आम का भाव तथा तराजू देखने को कहा तो जब इन दोनों ने देखा तो विगत सप्ताह की भाॅति यह आम विक्रेता पुनः कम तौलता पाया गया चूँकि यहां कोई जवाबदार अधिकारी नहीं रहता है और न ही नापतोल विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी हाट बाजार में भ्रमण ही करते हैं ।यही कारण है कि नापतोल विभाग की उदासीनता के कारण ऐसे व्यापारी हाट बाजारों में खुलेआम ग्राहकों को लूट रहे हैं कम तोलने के अलावा इनके बाॅटो में नापतोल विभाग के सिक्के भी लगे हुए नहीं है ।पता चला कि हाट बाजार में धंधा करने आने वाले अधिकांश हाथ ठेला या जमीन पर दुकान लगाकर धंधा करने वाले ऐसे ही कमतोल कर ग्रामीणों को हीं नहीं अपितु पढ़े लिखे शहरी ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं। पढ़ा-लिखा शहरी ग्राहक इन पर विश्वास कर कम सामान लेकर चला जाता है ।यदि नापतोल विभाग साप्ताहिक हाट बाजार में जांच करें तो अनेक ऐसे व्यापारी मिल जाएंगे जो कम तोल कर ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं।