आखों का इलाज कराने शिविर में पहुंचे मरीजों ने गिट्‌टी पर बैठकर किया डॉक्टर का इंतजार

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

अलिराजपुर जिले के नानपुर स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को आंखों का शिविर लगाया गया। लेकिन यहां आए मरीजों के लिए सुविधाओं नहीं थी। मरीज अस्पताल के बाहर गिट्‌टी और जमीन पर बैठे नजर आए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। उधर, स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ का कहना है इसमें हमारा कोई रोल नहीं है ना ही अलग से कोई फंड मिलता है, जीवन ज्याेति वाले शिविर लगाते हैं।

आखों के शिविर के एक दिन पहले विभाग ने शनिवार हाट बाजार में अनाउंसमेंट कराया था। इसके माध्यम से घरों से तो मरीजो को बुला लिया पर सुविधाओ के नाम से उन्हें छाव तक नसीब नहीं हुई। रविवार को जब ग्रामीण उपचार के लिए शिविर में पहुंचे तो उन्हें गिट्टियों पर लेटकर और बैठकर इंतजार करना पड़ा। मरीज जीना वालसिंह खरवट धनबाई नारसिंह वलवनिया भूरी कालू ने बताया कि सुबह से उन्हें शिविर में बुला रखा था जहाँ नानपुर स्वस्थ केंद्र में किसी भी जिमेदार अधिकारी ने उन्हें न तो छाव में बैठने का बोला न हॉस्पिटल में बेंच पर बैठने का बोला।


लगभग 12 बजे तक मरीज गिट्टी के ढेर पर लेट कर डॉक्टर का इंतजार करते रहे। उन्हें न तो स्वस्थ केंद्र में  पानी मिल रहा न छाव धूप में मरीज सर पर कपड़ा डाले लेते नगर आये। डॉक्टर भी समय पर नहीं पहुंचे इस कारण मरीजों की फजीहत हो गई।

अलग से कोई फंड नहीं आता

ये सामान्य कैंप है हर बार एक संडे छोड़कर लगाया जाता है। इसके अलावा अलग से कोई फंड नहीं होता। जीवन ज्याेति वाले आते हैं और शिविर लगाते हैं। इस तरह का शिविर आम्बुआ में नानपुर में लगाया जाता है। 

डॉ. पटेल, बीएमओ

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