राशन नहीं मिला तो मतदान का बहिष्कार करेंगे ग्रामीण, पांच महीने पहले पर्ची बनाकर दी, लेकिन राशन अब तक नहीं मिला, गेहूं-चावल के लिए भटक रहे ग्रामीण

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित नानपुर में हितग्राहियों को अनाज नहीं मिल पा रहा है। यहां किसी को पांच तो किसी को तीन महीने से अनाज नहीं मिला है। हितग्राही आते हैं अनाज लेने तो उन्हें सेल्समेन अनाज नहीं कहकर लौटा देते हैं। अनाज नहीं मिलने से नाराज हितग्राहियों का कहना है अगर समय पर अनाज नहीं मिला तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे। 

अनाज नहीं मिलने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। झाबुआ लाइव प्रतिनिधि जब सोसायटी पर पहुंचे तो हितग्राहियों ने उनके समक्ष अपना गुस्सा जाहिर किया। ग्रामीणों ने बताया पांच से छह माह से अनाज नहीं दिया जा रहा है। जबकि अनाज की पर्ची बनाकर दे दी जाती है। जब हितग्राही पर्ची लेकर जाता है तो उसे अनाज नहीं है कहकर लौटा दिया जाता है। ऐसे एक दो नहीं कई हितग्राही है जो राशन के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है। 

क्या कहा हितग्राहियों ने 

  • हितग्राही फरिदा सलीम का कहना है उन्हें दो से तीन महीने से राशन नहीं मिला है। गेहूं मिलता है तो चावल नहीं मिलता और चावल मिलता है तो गेहूं नहीं दिया जाता। वो हर महीने इसी तरह चक्कर लगा रही है। 

  • हितग्राही साहबाई ने बताया उन्हें पांच महीना से अनाज नहीं मिला है। जबकि चट्‌ठी बनाकर दे दी गई है। ना तो गेहूं दिए जा रहे हैं और ना ही चावल। जब दुकान पर अनाज लेने जाते हैं तो हमें अनाज नहीं है कहकर भगा दिया जाता है। 

  • चंदा चौहान का कहना है राशन दुकान समय पर नहीं खुलती है। चा से पांच महीने से पर्ची बनाकर दे दी गई है लेकिन अनाज नहीं मिलता। फोन लगाते हैं तो सेल्समेन फोन भी नहीं उठाता। हम मजदूर इंसान है राशन नहीं मिलता है तो जैसे-तैसे बाजार से खरीदकर पेट भर रहे हैं। 

दो लोग नहीं आए, मेरी तबियत खराब है : सेल्समेन

आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित नानपुर के सेल्समेन मुकेश से जब बात की गई तो वे गोलमाल जवाब देने लगे। उन्होंने कहा कल से अनाज बांट देंगे, क्योंकि बांटने वाले दो लड़के नहीं आए हैं और मेरी तबियत खराब है। उन्होंने कहा अक्टूबर का अनाज दो से तीन दिन पहले मिला है, उसे अब बांट देंगे। जब सेल्समेन से पूछज्ञ गया कि समस्या क्या आ रही है तो वे कह ने लगे वाहन संबंधी समस्या है माल आएगा तो ही बांट पाते हैं।

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