भागवत सप्ताह के प्रथम दिन निकली भव्य कलश और शोभायात्रा

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

गोपाल गौशाला में प्रतिवर्षनुसार इस वर्ष भी संगीतमय भागवत कथा का आयोजन हो रहा है l पहले दिन राठौड़ समाज धर्मशाला से विशाल शोभायात्रा ग्राम के प्रमुख मार्गो से होते हुए श्री राम मंदिर पहुंचीl  वहां से कलश यात्रा गोपाल गौशाला के लिए निकाली गई, जिसमे सेकडो श्रद्धालु मौजूद थेl भागवत प्रवक्ता दीदी अनंत वल्लभा गुरु मां, वृंदावन धाम से पधारी एवम अपने श्री मुख से प्रथम दिन की भागवतजी का महत्व बताया।

भागवत कथा का पहला दिन भागवत महात्म्य को समर्पित होता है, जिसमें कथावाचिका ने कथा के महत्व, लाभ और भगवान कृष्ण के साथ इसके संबंध को समझाती हैं। इस दिन भागवत के पहले श्लोक का पाठ और व्याख्या की गई, और कई कथाओं में धुंधकारी की कथा सुनाई जाती है ताकि प्रेत योनि से मुक्ति पाने का मार्ग बताया जा सके। 

कथावाचिका बताती हैं कि भागवत कथा सुनने से जन्म – जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और यह भवसागर से पार कराती है l भागवत को भगवान का शरीर मानना चाहिए l यह बताया जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपना तेज इस महापुराण में प्रवेश कराया है, इसलिए यह भगवान का साक्षात रूप है और इसे सुनने मात्र से कष्टों से मुक्ति मिलती है।

कथा की शुरुआत भागवत के प्रथम श्लोक ‘सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे…’ से की जाती है, जिसमें भगवान के स्वभाव और लीलाओं का वर्णन होता है। कई कथाओं में धुंधकारी की कथा सुनाई जाती है, जिसमें बताया जाता है कि कैसे गोकर्ण द्वारा भागवत कथा का आयोजन कराने पर धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली l शांति और मुक्ति मिली l पहले दिन यह भी बताया जाता है कि भागवत कथा सुनने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है। वाचक – दीदी अनंत वल्लभा गुरु मां , वृंदावन धाम है। मुख्य यजमान – मुख्य यजमान सालगराम मोतीलाल  राठौड़ (चौधरी परिवार) करजवानी (डही) है।

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