टँकी बन गई, लेकिन पानी के लिए आज भी तरस रहे ग्रामवासी; जिम्मेदार नही दे रहे ध्यान…

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जितेंद्र वाणी@ नानपुर
नानपुर में फ्लोरोसिस युक्त बनी पानी की टंकीयो को बने कई वर्ष बीत गए है, लेकिन आज भी ये टंकीया पानी के लिए तरस रही है। यह करोड़ो की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों में फ्लोरोसिस पानी पीने से ग्रामीणों के दांत पिले पड़ना हाथ पेर तिरछें हो जाना घुटने में दर्द होना कमजोरी के कारण घबराहट से जान चले जाना खतरनाक बीमारी से जैसे निजात के लिए केंद सरकार द्वारा 20 वर्ष पहले योजना बनाकर ऐसे प्रभावित इलाकों में साशन ने करोड़ो रूपये की योजना बनाकर जो पानी ग्रामीणों को सुचारू रूप से मिलना चाइये थे वह आज तक स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे है। टँकीया तो बनाके चले गए पर कुछ ऐसे इलाको में पानी आज तक नही पहुचा जब कि कागजो में हर माह पानी जा रहा है मेंटेनेंस भी हो रहा है जब कि जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के सामने लगी मेन बस स्टैंड पर फ्लोरोसिस की टँकी में वर्षो से पानी नही आया है व न टँकी में नल लगे है पुटी की जगह पानी वाला हल्का चुना नाबालिकों द्वारा पूताया जा रहा है न तो टँकीयो के अंदर सफाई हो रही है न नल लगाए जा रहे है। इन टँकीयो की साफ सफाई व निरन्तर पानी मिलता रहे इसके लिए लगभग 3 करोड़ के आस पास राशि साशन द्वारा डाली जाती है गरीब आदिवासियों को जहर जैसा पानी पीने को मजबूर है कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जब टँकीयो में पानी नही आयेगा तो हेंडपंप का पानी पीना पड़ रहा है क्या करे मजबूरी है
सरपंच सावनसिह मारू ने बताया उन्होंने गांव हित मे फ्लोरोसिसयंत्री विभाग के उपयंत्री श्री राठौड़ सर को कई मर्तबा अवगत करा चुके है पर पानी। की टँकीयो में कुछ जगह पानी नही आ रहा है। ग्राम पंचायत के सामने भी टँकीयो गन्दगी से पटी पड़ी है पानी नही आ रहा है।
उपयंत्री आर डी राठौड़ ने बताया कि जब से योजना चालू हुई है तब से इनके मेन्टेन्स का ठेका होता है जो तीन वर्ष के लिए 2 करोड़ 87 लाख का होता है विभाग का कोई लेना देना नही।

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