जिसने शिकायत की थी उन्हीं समूह के पास पहुंचे अधिकारी, समूह सदस्य बोले झूठे पत्रक बनाकर ले गए अधिकारी 

जितेंद्र वाणी, नानपुर

आलीराजपुर जिले के नानपुर में शुक्रवार को महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे। कुछ दिन पहले सांझा चूल्हा की कम राशि को लेकर कुछ समूहों ने आपत्ति ली थी। इसके बाद दल जांच करने पहुंचा था। लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिन समूहों ने कम राशि पर आपत्ति ली थी उन्हीं समूह के पास पहुंचकर अधिकारियों ने पहुंचकर जांच की। समूह सदस्यों का आरोप है कि दल झूठे पत्रक बनाकर ले गया। 

जिले की टीम पर भेदभाव का आरोप समूह कार्यकर्ताओ ने लगाया है। उन्होंने कहा कि जिन समूह ने शिकायते की थी उन्हीं समूह पर जाकर निरीक्षण किया गया। झूठी रिपोर्ट बनाकर समूह संचालको पर दबाव बनाया गया। उसी समूह पर दबाव बनाया जिन्होंने पीड़ा बताई थी। समूहों समूह आंगनवाड़ी में भोजन दे रहे थे इसके बावजूद निरीक्षण के दौरान दल ने भोजन नही देने का उल्लेख पत्रक में बनाया। बड़ी बात यह रही कि जिस केपी सिंह की शिकायत समूहों ने की थी उसी को जांच दल में शामिल किया गया। उधर, निरीक्षण के दौरान कुछ जगह आंगनवाड़ी केंद्र पेड़ के नीचे भी संचालित करते नजर आया। जहां पर जांच की गई। अधिकारी बच्चों की खेल सामग्री भी कहीं नहीं दिखाई दी। कई जगह निजी घरों के अंदर केंद्र चलते हुए दिखाई दिए। 

जांच करने पहुंचा दल।

निरीक्षण में शामिल कृष्णपाल सिंह अनुकम्पा पर नियुक्त है। सूत्रों द्वारा बताया जाता है उनके पिता वाहन चालक थे, लेकिन निधन के बाद सिंह को सीधे बाबू की पोस्ट मिल गई। इस पर भ्ज्ञी सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर जांच दल में शामिल अधिकारी एक बाहरी जाम्भू खेड़ा से आई  मेहमान महिला से फर्जी अंगूठा लगा कर  पत्रक पर साइन करा लिया। इसका वीडियो भी सामने आया है। कुछ कार्यकर्ताओं को भी डरा धमका के पत्रकों पर साइन कराने का भी आरोप लगाया गया है।

-प्रभारी अधिकारी ने नहीं दिया जवाब

निरीक्षण में महिला बाल विकास विभाग की ओर से केपी सिंह, सरदारसिंह चोहान,  हिमानी, डिप्टी कलेक्टर निधि मिश्रा, कविता बघेल ने पांच या छ  आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। मामले में जब प्रभारी अधिकारी मबावि प्रियांशी भंवर से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि निरीक्षण के बाद मिली रिपोर्ट के आधार पर कुछ कह पाऊंगी।

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