किसी एक भक्त के पुण्य के कारण कितनों को कथा का लाभ मिल जाता है : पं. श्री शिवगुरु शर्मा 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

भगवत भजन और भागवत कथा किसी एक भक्त के पुण्य के कारण ही कितनों को सुनने मिल जाती है, उसकी भक्ति के कारण भागवत कथा होती है, कथा में पुण्य कमाने आओ पाप एकत्र मत करो।

              उक्त विचार आम्बुआ में माहेश्वरी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ पर विराजमान पं. शिवगुरु शर्मा द्वारा व्यक्त करते हुए आगे उन्होंने ने भागवत कथा के महात्म्य का वर्णन करते हुए , राजा आत्म देव की कथा तथा आत्म देव जोकि निसंतान थे को एक ऋषि ‌ द्वारा फल प्रदान करने और उस फल को अपनी पत्नी धुंधली को देने धुंधली द्वारा फल गाय खिलाने जिससे गौकर्ण का जन्म तथा धुंधली द्वारा अपनी बहन के पुत्र को गोद लिया जाना, जिसका नाम धुंधकारी रखा गया ,यह बहुत ही दुष्ट कार्य में लग जाने के राजा आत्म देव का वन चला जाना तथा धुंधली की मौत के धुंधकारी की वेश्याओं द्वारा हत्या कर देने के कारण उसका प्रेत योनि में जाना तथा गोकर्ण द्वारा भागवत कथा श्रवण कराने के उसके उद्धार की कथा विस्तार से सुनाई गई ।

आज कथा प्रथम दिन होने से कथा पूर्व कथा पोथी का भव्य जुलूस बैंड-बाजों के साथ निकाला गया तथा व्यास पीठ पर विराजमान किया गया कथा सुनने हेतु आम्बुआ के अलावा विभिन्न स्थानों से सैंकड़ों कथा श्रोताओं ने कथा का रसपान किया अंत में महाआरती पश्चात महाप्रसादी वितरण किया गया।

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