नानपुर स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर नदारद, मरीज हुए परेशान

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अलीराजपुर लाइव के लिए नानपुर से जितेंद्र वाणी (राज) की रिपोर्ट-
जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नानपुर का स्वास्थ्य केंद्र हमेशा मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। मरीज यहां अपना इलाज करवाते आते हैं लेकिन उन्हें दवाइयों के साथ संसाधनों कमी, इमरजेंसी या दुर्घटना होने पर मरीजों को इलाज नहीं मिलना, डिलीवरी होने पर महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिलना एवं अस्पताल में साफ-सफाई के अभाव में मरीजों को जूझना पड़ रहा है। वहीं अस्पताल में लैबोरेटरी नहीं होने से प्राइवेट लैब पर जांच करवाए जाने पर मरीजों को आर्थिक नुकसान होता है, लेकिन यहां के जिम्मेदार है कि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि वे जब भी इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं डॉक्टर उन्हें खून-पेशाब की जांच के लिए प्राइवेट लैबोरेटरी संचालक के पास भेज देते हैं जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ रही है।
डॉक्टर की मनमानी, मरीजों की परेशानी-
स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से पदस्थ डॉ. अभय राय अब अपनी मनमानी पर आमादा है जिसके चलते वे जो भी मरीज उनके पास आता है तो उसे जांच के लिए निजी लैब पर भेज देते हैं, जिससे मरीजों को निजी लैब पर खून-पेशाब की जांच करवानी पड़ती है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। विगत माह डॉक्टर की निजी लैब पर सांठगांठ होने के आरोप के चलते ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था और डॉक्टर अभय राय को हटाने की मांग की गई थी, लेकिन डॉ. राय को यहां से नहीं हटाया गया। इसके विपरीत डॉक्टर राय कई दिनों तक बाहर रहते हैं जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है और वे बंगाली डॉक्टरों से इलाज करवाकर अपनी जान-माल का नुकसान कर रहे हैं। वही ग्रामीणों की मांग पर एक अन्य डॉक्टर पारीक की पदस्थापना की गई जिससे मरीजों की कुछ हद तक परेशानी कम हुई है लेकिन अभी भी महिला डॉक्टर की जरूरत नानपुर स्वास्थ्य केंद्र में बनी हुई है लेकिन जिम्मेदार आला अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। नतीजा महिलाओं को डिलीवरी के लिए अब दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता है जिससे ग्रामीणों को आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ती है।

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