नानपुर में पटाखों की दुकानें लगी रही बाजार में, जिम्मेदार मौन

May

अलीराजपुर लाइव के लिए नानपुर से जितेंद्र वाणी (राज) की रिपोर्ट-
नानपुर को किसी की परवाह नही बस सब अपनी रोटियां सेंकने में लगे है लेकिन नगर के अच्छे बुरे पर सभी गांधीजी के तीन बंदरों की तरह टक टक देख रहे है। मामला यूं ही खत्म नहीं होता आखिर इस नगर के भविष्य के बारे में जब जागेंगे तब बहुत देर हो चुकी होगी। जबकि पेटलावद हादसे को अभी वर्ष भर ही हुआ है पर जिम्मेदारों को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
यह है मामला
हाल ही में दीपावली पर जिस तरह से अंधेर नगरी चौपट राजा की तरह नानपुर पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे नगर के भरे बाजार में पटाखों की दुकानो की बिक्री मानों नगर की जनता बारुद के ढेर पर बैठी हो जबकि इन्हें नगर से बाहर लगना था। इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जबकि अभी एक वर्ष से अधिक ही पेटलावद हादसे को हुए ओर भूल गये या धन्ना सेठों के आगे पुलिस ने कोई जेहमत उठाना मुनासिब नहीं समझा। इसी के साथ नानपुर में प्रतिबंधित चायना पटाखों की बिक्री होती रही।
ओवरलोड वाहन
नानपुर मे शासन के नियम के विपरीत ओवरलोड वाहन धडल्ले से गुजर रहे है उसमें भी पुलिस कार्रवाई करने से गुरेज करती रही। आखिर क्यों नियमो को धता बताकर इनका गुजर हो रहा है ओर पुलिस इन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है जिससे साफ जाहिर है कि ओवरलोड वाहनों से पुलिस की सांठगांठ है।
जिम्मेदार बोल
हमने व्यापारियों को मौखिक बोल दिया था नगर के बाहर पटाखों की दुकाने लगाई जाए, लेकिन व्यापारियों ने हमारी नहीं सुनी। यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की भी है।
                                      -मुकेश यादव, थाना प्रभारी नानपुर