नव वर्ष हिंदू समाज के लिए एक शुभ संदेश लेकर आता है : राजेंद्र टवली

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

खंड शिक्षा कार्यालय परिसर में हिंदू नव वर्ष  गुड़ी पड़वा के अवसर पर गुड़ी पड़वा का पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया, विक्रम संवत 2082 उज्जवल हो ऐसी शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार वक्ताओं ने रखे हैं। 

जोबट खंड शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित गुड़ी पड़वा पूजन कार्यक्रम किया जो की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नवरात्री एवं हिंदू नव वर्ष के शुभ अवसर पर कार्यक्रम हुआ जो की  गुड़ी पड़वा के प्रतीक का पूजन कर शुभारंभ किया। इस मौके पर यहां कार्यक्रम में सेवा भारतीय जिलाध्यक्ष राजेंद्र टवली ने अपना विचार रखा और उन्होंने कहा कि यह नव वर्ष हिंदू समाज के लिए एक शुभ संदेश लेकर आता है जो की चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर में हमें शक्ति और भक्ति दोनों का एहसास भी करवाता है क्योंकि हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नवरात्र के शुभ अवसर पर गुढी पाड़वा मे आता और यहीं से हमारे सभी प्रकार के नए साल की गतिविधि भी प्रारंभ होती साथ ही नौ दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान भी होता है। उन्होंने बताया कि संघ के द्वारा किए जा रहे हैं पांच आयाम के ऊपर भी बातें करते हुए उन आयामों को सकारात्मक रूप देने की बात की चूंकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही संघ के संस्थापक डॉ.केशव बलिराम हेडगेवरजी का जन्म हुआ था और यहीं से संघ स्थापना के 100 वर्ष में प्रवेश करने की बात भी उन्होंने की है। 

जोबट प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश डुडवे ने भी अपने विचार रखे

कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष जनजाति विकास मंच एवं प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश डुडवे ने भी अपने विचार रखे और कहां की हिंदू समाज के लिए आज का दिन शुभ संदेश लेकर आता, क्योंकि हिंदू समाज के लिए नया कैलेंडर आज से ही प्रारंभ होता ओर यहीं से प्रकृति ने भी रूप बदलना प्रारंभ करना बताया। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, विश्व के अधिकतर देश 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं लेकिन पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इसे गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की भी शुरुआत होती है। वर्ष 2025 में 30 मार्च को हिंदू नववर्ष मनाया जा रहा है, यानी इसी दिन गुड़ी पड़वा और नवरात्रि का पहला दिन है। इसी के साथ हिंदू कैलेंडर बदल जाएगा और विक्रम संवत 2082 का आरंभ होगा विक्रम संवत् की स्थापना इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने की थी, जो आज भी हिंदू पंचांग का आधार है। इसी दिन विक्रम संवत को शुरू करने का भी एक धार्मिक कारण माना जाता है। 

मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी।  इसके अलावा भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। इस त्योहार को मराठी नववर्ष के रूप में भी जाना जाता है, जो मराठियों और कोंकणी हिंदुओं के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक मानते हैं। गुड़ी का अर्थ होता है, भगवान ब्रह्म का ध्वज और पड़वा का अर्थ एक नया चंद्रमा चरण है। हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं भेजकर सभी को आज के दिन का महत्व समझाएं। साथ ही गुड़ी पड़वा और नवरात्रि का पर्व भी धूमधाम से मनाएं। यहां हिंदू नववर्ष के सुंदर संदेश दिए जा रहे हैं इस मौके प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने भी अपना विचार रखा और कार्यक्रम के दौरान नायब तहसीलदार अनील मंडलोई, बीआरसी प्रवीण प्रजापत और अन्य लोक मौजूद रहे।

चैत्र माह के पहले दिन हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है.खंड शिक्षा अधिकारी प्रताप सिंह डावर

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह हिंदू नव वर्ष मार्च-अप्रैल के महीने से आरंभ आता है. यह हिंदू नव वर्ष हिंदू कैलेंडर के मुताबिक मनाया जाता है. इसे विक्रम संवत या नव संवत्सर कहा जाता है. 60 तरह संवत्सर होते हैं. विक्रम संवत में यह सभी संवत्सर शामिल रहते हैं. मान्यता है कि हिंदू नव वर्ष की शुरूआत हालांकि विक्रम संवत के उद्भव को लेकर विद्वान एकमत नही हैं लेकिन अधितर 57 ईसवीं पूर्व ही इसकी शुरुआत मानते हैं।

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