धूप गर्मी ठंडक-वर्षा काल में खुले में सब्जियां बेचने को मजबूर ग्रामीण

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
कस्बे में विगत 8 वर्षों पूर्व तक ग्रामीण कृषक तथा अन्य सब्जी एवं फल विक्रेता पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में खुली सडक़ पर घरों के सामने बैठकर बिक्री करते थे ग्राम पंचायत द्वारा उनके लिए एक टीन शेड निर्माण हजारों खर्च कर बनवाया था। मगर उन्हें यहां बैठाने का प्रयास नहीं किया गया। आज वह स्थान कबाड़ भरने के काम आ रहा है। सब्जी विक्रेता ग्रामीण महिला पुरुष पुराने बस स्टैंड से नया बस स्टैंड पर जा पहुंचे तथा लोगों की दुकानों एवं घरों के सामने धूप गर्मी वर्षा काल में भी सब्जियां फल बेच रहे हैं जो कि धूल तथा अन्य पदार्थ के कारण प्रदूषित हो रही है। हमारे संवाददाता के अनुसार आम्बुआ कस्बे के पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में वर्षों से प्रतिदिन ताजी सब्जी एवं फल आदि बेचने के लिए ग्रामीण कृषको की महिलाएं बच्चे बैठा करते थे जो कि कस्बे का अधिकांश आबादी क्षेत्र इसी क्षेत्र में आता है जिस कारण ग्राहकों को सुविधा अनुसार सब्जियां यहां से मिल जाती थी धूप वर्षा आदि से बचाव हेतु लगभग 7-8 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा सडक़ परिवहन विभाग के जीर्णशीर्ण पड़े यात्री प्रतीक्षालय को तोडक़र एवं पड़त पड़ी जमीन को मिलाकर एक बड़े टीन शेड का हजारों की लागत से निर्माण कराया। टीनशेड में सब्जी विक्रेताओं को बैठाने का प्रयास स्थानीय प्रशासन द्वारा तब से लेकर अभी तक नहीं किया गया जिस कारण धीरे-धीरे यह ग्रामीण सब्जी विक्रेता महिलाओं ने नए बस स्टैंड क्षेत्र में निजी मकानों एवं दुकानों के सामने अपनी दुकानें लगाना प्रारंभ किया तथा एक एक के बाद यहां अनेक सब्जी तथा फल विक्रेता ने धंधा प्रारंभ कर दिया जो आज तक जारी है। इन्हें प्रतिदिन आस पास के निजी भवन एवं दुकानदारों की झिड़कियां सुनना पड़ती है उन्हें रोज-रोज यहां वहां भगाया जाता है स्थिति यह हो गई है कि सब्जी विक्रेता वन विभाग कार्यालय तथा स्वास्थ्य परिसर तक अपनी छोटी-छोटी दुकानें धूप में लगा रहे हैं। सडक़ किनारे बैठने के कारण धूल तथा आसपास हेयर सैलून तथा कपड़ा सिलने एवं मैकेनिकों की दुकानें होने से धुलए बाल तथा अन्य अनेक तरह के गंदे पदार्थों के कारण सब्जी एवं फल दूषित हो रहे हैं सब्जियों में बाल कटिंग के बाल चिपक जाने से परेशानी हो रही है घरों का गंदा पानी भी कई बार इन सब्जियों को दूषित कर देता है। हरी ताजी सब्जी एवं फल खाने वालों की सेहत पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा होगा यह कोई भुक्तभोगी ही बता सकता है।
इस समस्या के समाधान के रूप में यह कहा जा सकता है कि पुराने बस स्टैंड पर पंचायत द्वारा जो टीनशेड बनाया गया था उसे अतिक्रमण एवं कबाड़ से मुक्त कराने के बाद इन ग्रामीण सब्जी विक्रेता को दो-चार दिन प्रशासनिक स्तर पर समझाइश देकर वहां बैठाया जाए ताकि वह सब्जी बाजार की आदि हो सके तथा धूप वर्षा गर्मी से बचते हुए सब्जी तथा फलों का धंधा कर सके। स्मरण रहे कि विगत माह किसी सज्जन व्यक्ति ने इस सब्जी बाजार वाले शेड के अतिक्रमण की शिकायत जिला प्रशासन स्तर पर की थी जिसके बाद स्थानीय पंचायत प्रशासन द्वारा टीन शेड में रखे कबाड़ आदि को हटा दिया था। मगर एक हफ्ते बाद यहां पुन: वही स्थिति निर्मित कर दी गई।

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