धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान को कभी नही भूलना चाहिए, क्रांतिसूर्य बिरसा मुंडा जी का 121वा शहादत दिवस मनाया

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विजय मालवी,बड़ी खट्टाली 

आदिवासी जननायक महान योद्धा भगवान बिरसा मुंडा जी का 121 वे शहादत दिवस पर उन्हें नमन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। शहादत दिवस के इस मौके पर युवाओं ने बड़ी खट्टाली स्कूल मैदान पर एक छोटी सी सभा कर धरती आबा भगवान बिरसा के जीवन की जानकारी उपस्थित लोगों को दी।

बिरसा मुंडा ने 25 वर्ष की उम्र में जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों व साहूकारों से जमीनें छुड़ाकर आदिवासियों को दिलाई। उनके क्रांतिकारी कदमों, आंदोलनों, त्याग, बलिदान, उपदेशों और आदिवासियों के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों पर प्रकाश डाला एवं उनके संघर्ष के कारण ही आज आदिवासियों का अस्तित्व बचा हुआ है। उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए तथा आने वाली पीढ़ियों को आत्मसात करने की बात कही।

वही वर्तमान समय में कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए समाजजनों द्वारा एक स्थान पर एकत्रित नहीं होते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में शारीरिक दूरी और अन्य नियमों को ध्यान में रखते हुए श्रधांजलि सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. के गेहलोत, पटवारी नितेश अलावा, शिक्षक छगनसिंह कलेश, युवा समाज सेवी एवं पत्रकार जयेश मालानी, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र मायड़ा, सुरेश किराड़, भारतसिंह मौर्य, दिलीप कलेश, कृष्णा मसानिया, अश्विन वर्मा, रवि शिवराज चौहान, विजय हरवाल, सुरेंद्र चौहान, चौकीदार व सर्व समाज के युवा साथी आदि उपस्थित थे।

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