दिशा समिति की बैठक में विधायक सेना महेश पटेल ने विभागों की कार्य शैली पर उठाए सवाल

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आलीराजपुर। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में जोबट विधायक सेना महेश पटेल ने जिले के कई विभागों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि योजनाएँ केवल कागज़ों में चल रही हैं, जबकि ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही है।

विधायक पटेल ने पीएचई विभाग की लापरवाही को लेकर कहा —“सालभर पहले खुदे हैंडपंपों में आज तक सामग्री नहीं लगाई गई। कई बोर धंस चुके हैं। विभाग ने जनप्रतिनिधियों की राय को नज़रअंदाज़ कर मनमाने स्थानों पर बोर खोदे हैं। सरकार ‘हर घर नल-जल योजना’ की बात करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि अब तक मुश्किल से 10 प्रतिशत घरों तक ही पानी पहुंच पाया है।”

विधायक ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने बताया कि ग्राम आमखूट में 1 से 5वीं तक के 51 बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाया जा रहा है, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) का खुला उल्लंघन है।

“जब बच्चों को पढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, तो शिक्षा विभाग के अधिकारी आखिर कर क्या रहे हैं?” — विधायक ने सवाल किया।

विधायक पटेल ने आरडीपीएस योजना में व्याप्त लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा “चार साल बीत गए, लेकिन कार्य अधूरे पड़े हैं। तार टूटकर झूल रहे हैं, और आज तक किसी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हुई। योजना पूरी तरह लापरवाही की भेंट चढ़ गई है।”उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायिका भर्ती में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया।

“भर्ती में खुलेआम नियमों का उल्लंघन हुआ है। पात्रों को दरकिनार कर सेटिंग और भ्रष्टाचार के आधार पर नियुक्तियाँ दी गई हैं।”

इसके साथ ही विधायक पटेल ने एमपीआरडीसी विभाग से अंबुआ से सेजावाड़ा सड़क निर्माण कार्य की जानकारी मांगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस सड़क निर्माण के टेंडर आगामी छह माह में पूर्ण कर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

अंत में विधायक सेना महेश पटेल ने विभागों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी —“यदि विभागों ने जल्द सुधार नहीं किए और जवाबदेही तय नहीं की, तो मैं जनता के हक की लड़ाई के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटूंगी।”

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