डेंगू का कहर, होनहार छात्र हितांश की मौत से शहर में पसरा मताम

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रितेश गुप्ता, थांदला
कोरोना की लहर के पहले डेंगू की लहर ने क्षेत्र की जनता को भयभीत कर दिया और मोतो का सिलसिला शुरू हो गया। कोरोना ने क्षेत्र में मौत का जो कहर ढाया व हर धर्म, समाज, वर्ग में अनगिनत मौते हुई उसे जनता भूला भी नही पाई थी कि अब डेंगू ने मौत के आंकड़े दिखाना शुरू कर दिया। थांदला के प्रतिष्ठित व्यवसाय महावीर घोड़ावत के होनहार 17 वर्षीय पुत्र हितांश घोड़ावत ने मात्र 4 दिन में डेंगू की चपेट में रहते शुकवार को बड़ौदा गुजरात के निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान निधन हो गया। इसके पूर्व भी नगर में डेंगू ने नगर के गांधी चौक के समीप निवासी सहादत खान के पुत्र की मौत हो चुकी है।
मौसमी बीमारियां ओर डेंगू का कहर
बारिश का दौर शुरू होते ही नगरीय क्षेत्र के हर गली मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के हर-गांव-फलियो में उल्टी, दस्त, बुखार, जुखाम, बदन दर्द के मरीजों की संख्या बढऩे लगी। हालांकि नगर परिषद द्वारा लगातार दवाई का छिड़काव एवं फोग मशीन द्वारा दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। परंतु बारिश उमस एवं मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से मच्छरों के पनपने एवं बीमारियों का दौर चल रहा है। नगर में डेंगू के कई मामले एक्टिव है नहीं मैं से अधिकांश गुजरात या इंदौर के अस्पतालों में उपचार प्राप्त कर रहे हैं। हालांकि बीएमओ अनिल राठौड़ के अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में अभी तक एक भी डेंगू का पॉजिटिव मामला रिकॉर्ड में नहीं है।
हितांश के हितेषियों में शोक की लहर
होनहार युवा हितांश घोड़ावत को चार दिन पूर्व बुखार आने पर परिजन थांदला चिकित्सालय ले गए थे जहां जाच दौरान डेंगू के लक्षण पाए गए व चिकित्सको द्वारा बाहर ले की सलाह पर दाहोद के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती किया एक दिन वहां रहने पर तबियत ज्यादा बिगडऩे की स्थिति में बड़ौदा रेफर कर दिया गया। बड़ोदा के स्टर्लिंग चिकित्सालय में हितांश ने 24 घण्टे भी नही गुजारे व मौत कहर बनकर छा गई। हितेश घोड़ावत परिवार के सरल व्यवहार के चलते सारा नगर हितेषी रहा है। इस मोत की खबर से नगर में शोक की लहर छा गई। शुक्रवार देर शाम पद्मावती नदी तट स्थित मुक्तिधाम पर हितांश का अंतिम संस्कार किया गया। पिता महावीर घोड़ावत, भाई भद्र घोड़ावत एवं काका जितेंद्र घोड़ावत द्वारा मुखाग्नि दी गई।

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