झाबुआ-अलीराजपुर जिले की राजनीति मे इन दिनो क्या चल रहा है ! जानिए इस राजनीतिक हलचल मे..

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 राजनीतिक हलचल  झाबुआ – अलीराजपुर

चंद्रभानसिंह भदोरिया @ Editor in chief

कलसिंह भाबर की नियुक्ति के मायने क्या है?

बीजेपी ने थादंला के पूर्व विधायक कलसिंह भाबर को भरोसा जताते हुऐ एक बडी जिम्मेदारी दी है उन्हे प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चे का अध्यक्ष बनाया गया है यह सभी जानते है कि इस समय कई आदिवासी संगठन ऐसे है जो मुखर होकर बीजेपी – संघ परिवार के खिलाफ काम कर रहे है ओर इन संगठनों का कोई दल ना होने से चुनाव मे फायदा कांग्रेस को पिछली बार मिला था आदिवासी बहुल 47 विधानसभा सीटों मे से 32 सीटे बीजेपी के हाथ से निकल गयी थी ..ऐसे मे 2023 की लडाई मे अब महज 34 महीने बचे है ऐसे मे आदिवासियों के बीच अपने जनाधार को मजबूत करना बीजेपी जरुरी मानती है इसलिऐ बीजेपी ने संघ पृष्ठभूमि से जुडे ; मेहनती ओर दो बार के विधायक कलसिंह भाबर को जवाबदारी दी है ..अब कलसिंह भाबर के सामने पार्टी का मुख्य दुश्मन कोन है तय कर उन्हे हाशिऐ पर डालने की जिम्मेदारी मिली है भाबर अगर कामयाब रहे तो उनकी पैठ प्रदेश की सियासत मे काफी मजबूत हो जायेगी लेकिन नाकामयाब रहे तो … !! .. अब इतना तो आप भी समझदार है ।।

संगीता सोनी ने भी लगाई लंबी छलांग

झाबुआ जिले ओर खासकर थादंला को प्रदेश बीजेपी ने दो दो बडे पद दिये है कलसिंह भाबर के अलावा थादंला से बीजेपी की नैत्री संगीता सोनी को प्रदेश मंत्री के रुप मे वीडी शर्मा ने जगह दी है हालांकि प्रदेश स्तर पर वह विगत दो सालो से पहले से अपनी तय भूमिकाएं निभा रही थी ओर उनकी भूमिकाओं ने उन्हे प्रदेश मंत्री बनाने मे भूमिका निभाई है फिलहाल इलाके की राजनीति मे संगीता सोनी ओर उनके पति को सांसद गुमानसिंह डामोर के खेमे का माना जाता है ।

लेकिन अलीराजपुर की उपेक्षा समझ से परे है

बीजेपी ने प्रदेश कार्यकारिणी का गठन मे झाबुआ जिले के थादंला को दो बडे दिये है प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चे की कमान कलसिंह भाबर को तो प्रदेश कार्यकारिणी मे संगीता सोनी को प्रदेश मंत्री बनाया गया लेकिन अलीराजपुर जिले की उपेक्षा की गयी है यहां पिछली कार्यकारिणी मे नागरसिंह चोहान को प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था लेकिन इस बार किसी को नहीं लिया गया ..जबकि नागरसिंह चोहान के अलावा किशोर शाह यहां योग्यता रखते है ..।

जिला कार्यकारिणी मे किसे ले किसे छोड़े ?

बीजेपी की झाबुआ जिला कार्यकारिणी की घोषणा अब जल्दी होने को है चर्चा है कि जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के सामने भारी धर्म संकट है क्योकि भले खुले तोर पर भाजपाई यह ना माने की गुटबाजी नही है लेकिन सच तो सच है ओर सच यही है कि सांसद गुट अलग है ओर बाकी कुछ गुट अलग है ।अब जिला महामंत्री पद पर कृष्णपाल सिंह ; भानू भूरिया आदि के नाम चल रहे है वही राणापुर के राजेंद्र उपाध्याय ; शैलेंद्र सोलंकी ; ललित बंधवार ; मेघनगर के प्रफुल्ल बाफना आदि को भी जिम्मेदारी देनी है अब कुल मिलाकर गेंद संभागीय संगठन मंत्री जयपाल सिंह चावडा के पाले मे भी जा सकती है ।

पहले दिग्विजय सिंह ओर अब कमलनाथ भूरिया जी को रिटायर करने पर तुले है !

राजनीति भी बडी अजीब है अपने झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया को ही ले लीजिए ..झाबुआ विधानसभा उपचुनाव मे बोरी की जनसभा मे दिग्विजय सिंह यह बोल गये कि यह भूरिया जी का आखिरी चुनाव है जीता दीजिऐ ओर अब कमलनाथ भी मोहनखेडा मे बोल गये कि अब भूरियाजी रिटायड॔ होने को है ओर नयी पीढी यानी विक्रांत भूरिया आगे आ रही है ..अब दिग्गी ओर कमलनाथ दोनो उम्र मे भूरिया से बडे है मगर खुद रिटायर होने की बजाय भूरियाजी को बार बार रिटायरमेंट का टाच॔र करते रहते है हालांकि सुत्र बताते है कि भूरियाजी अभी रिटायर होने को बिलकुल राजी नही है ।

जयस / आदिवासी संगठनों की काट मे उतरा हिंदू युवा जनजाति संगठन

विगत चुनाव 2018 मे झटका खाने के बाद बीजेपी ओर संघ की समीक्षा मे एक बात साफ हो गयी थी कि पश्चिम मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों मे जयस के कारण उनको नुकसान पहुंचा है ओर इस बार बीजेपी ओर संघ आक्रमक तरीके से जयस आइडोलोजी का सामने करने मैदान मे है इस बार चेहरा बना है हिंदू युवा जनजाति संगठन .. ओर वह भी इसलिऐ क्योकि जयस ओर उसके जैसै सामानांतर विचारधारा जैसै संगठन आदिवासी हिंदू नही है का अभियान चलाकर अलग से आदिवासी कोड मांग रहे है जबकि संघ ओर बीजेपी आदिवासी समाज को सनातनी हिंदू मानता है ओर इसलिऐ आक्रमतकता के साथ हिंदू युवा जनजाति संगठन को आगे किया गया है ओर इस संगठन ने बीते 4 महीनो मे अपनी सक्रियता बढाई है ओर कुछ प्रदश॔न भी किये है ।

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