जैन समाज ने भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर
अलीराजपुर जिले के नानपुर में आज अति प्राचीन जैन मंदिर मे पर्यूषण पर्व में भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर केसर के छापे लगाया जाए। भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म वाचन के पूर्व माता त्रिशला द्वारा देखे गए। 14 सपना के साथ बोली लगाई व भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव पालने में झूला झूला के मनाया गया। भगवान महावीर स्वामी आत्मिक और शाश्वत सुख की प्राप्ति के लिए 5 सिद्धांत हमें बताएं सत्य अहिंसा अपरिग्रह आचार्य और ब्रह्माचार्य वर्तमान अशांत आतंकी भ्रष्ट और हिंसक वातावरण में महावीर स्वामी जी की अहिंसा ही शांति प्रदान कर सकती है अपितु मन में किसी के प्रति बुरा विचार भी हिंसा है। जब मानव का मन ही साफ ही नहीं होगा तो अहिंसा का स्थान ही कहा भगवान महावीर स्वामी जी का साधना काल 12 वर्ष 6 महीने और 15 दिन का रहा है। इस अवधि में भगवान महावीर स्वामी जी ने तप संयम और शम्य भाव की साधना की भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म वाचन के बाद बोलियां लगाई जाती है। भगवान महावीर स्वामी जी को झूला व आरती की भी बोली लगाई जाती है। आरती के लाभार्थी राकेश मनीष प्रितेश जैन द्वारा लगाई जाती है। मंगल आरती नमन व आरव जैन द्वारा लगाई जाती है। गुरुदेव की आरती जैन परिवार द्वारा लगाई जाती है भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव धूमधाम से सभी समाज के लोग जन्मोत्सव के समय धूमधाम से मनाया जाता है। सभी समाज के वाणी समाज ब्राह्मण समाज माहेश्वरी समाज जयसवाल समाज राठौर समाज सभी लोग उपस्थित होते हैं और भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। आज जन्मोत्सव के समय भगवान मनमोहन पारसनाथ की आंगी पंडित उमा रावल द्वारा रखी गई। यह मंदिर 100 साल से अधिक पुराना है। इस में विराजमान भगवान मनमोहन पारसनाथ की प्रतिमा बहुत ही चमत्कार है। इस मंदिर को नांदुरी के नाम से जाना जाता था आज भी नांदुरी के नाम से जाना जाता है। भगवान महावीर स्वामी जी के जन्मोत्सव के बाद महिला द्वारा गरबा रास किया जाता है। यह जन्म उत्सव जैन परिवार, राकेश जैन, रिता जैन, मनीष जैन, प्रतीक्षा जैन, प्रीतेश जैन, खुशबू जैन, नमन जैन, आरव जैन, आशी जैन, प्रेक्षा जैन, पल जैन मौजूद थे।

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