जिले में वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर गहराता जा रहा विवाद, महेश पटेल ने की तीन मांगे

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आलीराजपुर । आलीराजपुर के वन मंडल अधिकारी द्वारा भोपाल के पत्र क्रमांक FOR/0667/2025/10-3 दिनांक 21 अगस्त 2025 तथा इंदौर के पत्र क्रमांक तकनीकी/25/5505 दिनांक 26 अगस्त 2025 के आधार पर की गई कार्रवाई से क्षेत्र के आदिवासी समाज में भारी रोष व्याप्त है। इस कार्रवाई की प्रतिलिपि ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के हालिया आदेशों से उनके पुश्तैनी अधिकारों पर संकट खड़ा हो गया है। कई गाँवों में आदिवासी परिवारों के बीच यह भय फैल गया है कि उन्हें अपने जंगलों और ज़मीन से बेदखल किया जा सकता है।

परिषद ने रखीं तीन प्रमुख माँगें

आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने विभाग की कार्रवाई को “अन्यायपूर्ण और जनविरोधी” बताया। परिषद की ओर से तीन प्रमुख माँगें रखीं…

1️⃣ विवादित आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए।

2️⃣ संबंधित वन मंडल अधिकारी को पद से हटाया जाए।

3️⃣ सभी पात्र आदिवासी परिवारों को शीघ्र वन अधिकार पट्टे प्रदान किए जाएँ।सरकार 

आदिवासियों के हक का हनन कर रही सरकार

पटेल ने कहा कि “वन विभाग की दोहरी नीति आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रही है। सरकार को चाहिए कि वह इस आदेश को तत्काल रद्द करे, अन्यथा परिषद व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होगी। उन्होंने यह भी कहा कि “आदिवासी समाज अपने जल, जंगल और ज़मीन की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगा। आंदोलन की चेतावनी परिषद ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि माँगें पूरी नहीं की गईं, तो अलीराजपुर जिले के सभी ब्लॉकों में व्यापक जनआंदोलन शुरू किया जाएगा। यह संघर्ष आदिवासियों के “जल, जंगल और ज़मीन के हक़” की रक्षा के लिए होगा।

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