जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर रखी गई मांगे, अनाज परिवहन के मामले को भी उठाया

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आलीराजपुर। युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक भूरिया ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। जिसमें ITDP के तहत 288 पंचायतों में अभी तक बटे बर्तन जिनका पैसा ठेकेदार और अधिकारी मिलकर हजम गए। ITOP के अंतर्गत गरीब किसानों के खातों में जमा होने वाली सामान की राशी में ठेकेदार एवं अधिकारियों के दुवाराकिए गए भष्टाचार का उल्लेख किया गया। 

ज्ञापन मे कहा जोबट विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित है । जिसमें मेरे द्वारा जोबट विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। जिसमें क्षेत्रीय उपभोक्ताओं एवं पत्रकार द्वारा लगातार राशन सामग्री प्राप्त न होने के संबंध में शिकायतें मिल रही है जिससे क्षेत्र की गरीब जनता राशन के लिए दर दर भटकती फिर रही है। आला अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को संरक्षण देकर अष्टाचार किया जा रहा है्। अधिकारी व ठेकेदार गरीब हितग्राहियों के हक पर डाका डाले हुए हैं । 

ज्ञापन में कहा कुछ दिन पूर्व अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम बेहड़वा में सरकारी गेहूं की कालाबाजारी सामने आई है जिससे अधिकारियों व ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है । अपने आप को बचाने के लिए अपने आकाओं के चक्कर काट रहे हैं । आंबुआ में सरकारी सोसायटी का गेंहू के ट्रक का पकड़ा गया था और उसमें की गई अपराधियों पर दर्ज रिपोर्ट जिला प्रशासन और जिला कलेक्टर की कार्यवाही भेदभाव पूर्ण कार्यवाही को दर्शाता है । बीते कुछ माह पूर्व अलीराजपुर में भी इसी तरह की शासकीय गेंहू की कालाबाजारी करते हुये ट्रक पकड़ा गया था जिसमे अलीराजपुर जिला कलेक्टर ने विधिवत कार्यवाही करते हुये ट्रक ड्राइवर और ट्रक मालिक के अलावा जो भी अधिकारी और कर्मचारी सामिल थे उनके ऊपर विधियत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। साथ ही उस पूरे गेहूं कांड में एक और बड़ी बात थी वो जिस ठेकेदार का लाइसेंस था उस पर और उसके पुत्र पर साथ ही वेयर हाउस के मालिक पर भी जिला कलेक्टर के आदेश पर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और उन पर विधिवत कार्यवाही कर मुकदमा चला था। लेकिन बेहडवा वेयर हाउस गेहूं विक्रय कांड में ठेकेदार और वेयर हाउस के मालिक को क्लीन चिट दी गई है , जिससे जिला प्रशासन और जिला कलेक्टर की भूमिका ही संदेह के घेरे में हैं क्योंकि एक ही जिले में एक ही प्रकार के अपराध में दो प्रकार के कानून से कार्यवाही करना यह बताता है की गेहू चोरी में किसी माफिया या किसी बड़े अधिकारी का ही हाथ है । 

गेहू का ट्रक चलाने वाले ट्रक ड्राइवर को पुलिस अभिरक्षा में न लेकर और अधिकारियों की उपस्थिति में फरार करवाना जिसकी गवाही से गेहूं की कालाबाजारी में सामिल अन्य आरोपीगण के नाम उजागर होने का अंदेशा था । जिसके लिए उसको जानबूझकर भागने के लिए मदद की गई जिससे ट्रक ड्राइवर भागने में सफल रहा या उसको अधिकारियों और गेहूं माफियाओं के सहयोग से जानबूझकर भगाया गया क्योंकि ट्रक में जो गेहूं भरा गया था  वो वैसा का वैसा शासकीय बारदान में ही था। जिस पर लगी सील से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है की इस सीरीज का गेंहू की थैलियां किस ठेकेदार और किस वेयर हाउस में रखा गया था । फिर अभी तक ठेकेदार और वेयर हाउस के मालिक पर रिपोर्ट दर्ज नहीं होना जिला आला अधिकारी स्वयं गेंहू कालाबाजारी कार्ड से वेयर हाउस मालिक और ठेकेदार को स्वयं को बचाने में लगे हैं । 

अब तक वेयर हाउस का शासकीय अनाज वितरण प्रणाली का गेहूं रखने का इसका लाइसेंस तत्काल रद्द कर देना चाहिए था। साथ ही अन्य किसी भी शासकीय योजना की सामग्री रखरखाव के लिए इस वेयर हाउस को आजीवन प्रतिबंधित कर देना चाहिए था । जिससे इस वेयर हाउस का उपयोग ऐसी अवैध गतिविधियों के लिए ना हो सके। उक्त घटना में गारीब हिग्रहियों को दिए जाने वाले अनाज की कालाबाजारी करते हुए 1 ट्राला पकड़े गया था । जिले में कई वर्षों से ठेकेदार अधिकारियों के साथ मिलकर गरीबों के अनाज की कालाबाजारी कर हैं लेकिन अभी तक किसी भी भ्रस्टाचारी ठेकेदार व मिलीभगत अधिकारियों पर किसी तरह कि कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं । जिसका फायदा उठाकर अधिकारी व ठेकेदार धड़ले से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । 

इस घटना के पूर्व भी ( ITDP ) योजना में अधिकारियों द्वारा भष्टाचार किया गया था। लेकिन विभागीय मामला होने से उसे भी रफादफा कर दिया गया । ITDP कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जो ग्रामीण समाज के अछूते प्राकृतिक सम्पदा तथा मानव शक्ति का उपयोग ग्रामीण विकास के लिये करता है । साथ हि कुछ दिन पहले ( itdp ) के तहत किसानों को दि जाने वाले सामग्री की राशि में भारी भ्रष्टाचार हुआ था योजना अंतर्गत मिलने वाली 30,000 / – कि राशि को सिर्फ 12000 से 15000 के सामग्री देकर किसान का अधिकारी हक मार रहे । जिसकी शिकायत पूर्व में भी की गई थी । अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई । ( ITDP ) का मुख्य उद्देश्य यह है कि विकास का लाभ उन वर्गों को प्राप्त हो सके जो शताब्दियों से आर्थिक अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं और दरिद्रता के अभिशाप से ग्रसित हैं । इस योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक असमानता को दूर करना है । इसी के साथ ही ग्रामीण गरीबी और भुखमरी को समाप्त करना है । परन्तु इसके विपरीत इसका लाभ गरीबो से ज्यादा समिलित अधिकारी इसका लाभ ले रहे हैं । ग्रामीणवासी की अज्ञानता व अनपढ़ होने से उनके भोलेपन का अधिकारीगण हक मारने में कोई कसर नहीं रखते हैं । जो एक जांच का विषय हैं । उक्त योजना ( प्रोग्राम ) का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का हैं । किया राज्य सरकार उक्त प्रोग्राम में हुई कष्ट अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करने का निर्देश प्रशासन को देगा ? जो गरीब हितग्राहियों के हित में होगा। यह कि अभी तक विभाग द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है जिसके कारण उपभोक्ता अपने हक से वंचित हो रहे है और शासन द्वारा दिया जा रहा पूरा राशन उनको नहीं मिल पा रहा है इस संबंध में आपसे मेरा निवेदन है कि फूड विभाग को आवश्यक निर्देश जारी करे। पंप उर्जाकरण योजना के तहत ठेकेदार एव अधिकारीयों कि मिली भगत से ठेकेदार को 40 प्रतिशत भुग्रतान भी कर दया लेकिन आज तक वह बिजली नहीं मिल पा रही 2 वर्ष पुर्ण हो चुकें हैं । अतः श्रीमान से निवेदन हैं कि उक्त दोनों घटना में सम्मिलित अधिकारी व ठेकेदारो एव वेयर हाउस मालिक पर कार्यवाही कर जेल नहीं भेजा जाता है तो , आगामी मुख्यमंत्री के दोरे का किसानों के साथ मिल कर काले झण्डे दिखा कर एवं पुतला जला कर विरोध किया जाएगा।

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