पियुष चन्देल, अलीराजपुर
जिला प्रशासन द्वारा त्वरीत कार्यवाही कर दिए जाने के कारण जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा 24 जून को प्रस्तावित अलीराजपुर जिला बंद का आह्वान अब निरस्त कर दिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अलीराजपुर ने बताया कि पिछले दिनों मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित जनसुनवाई में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश पटेल के नेतृत्व में अन्य कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर सुरभी गुप्ता को जिलें में नियम विरूद्ध तरीके से बडी संख्या में अटैचमेंट कर रखे शिक्षकों के अटेचमेंट तोडने ओर नानपुर ग्राम पंचायत में तत्कालीन सरपंच, उपसरपंच व सचिव द्वारा मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध अनेक दूकानें अपने चहेतों को आंवटित कर भारी भ्रष्ट्राचार करे जाने संबंधी शिकायत कर दोषियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही करें जाने की मांग की गई थी। उस दौरान इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा बरती जा रही उदासिनता ओर लापरवाही को लेकर कांग्रेस नेता महेश पटेल, राधेश्याम डी माहेश्वरी, ओमप्रकाश राठौर आदि की कलेक्टर आदि अधिकारियों से कहासुनी भी हो गई थी। इस मामले ने काफी तूल भी पकडा था। जिला अध्यक्ष महेश पटेल ने ऐलान किया था, कि यदि उनके द्वारा की गई शिकायत पर जिला प्रशासन ने शीघ्र कार्यवाही नही की तो विरोध स्वरूप 24 जून को अलीराजपुर जिला बंद किया जायेगा। साथ ही इस दिन जिला झाबुआ के दौर पर आ रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस मामले की शिकायत भी की जायेगी। इस मामले को लेकर दुसरे दिन 19 जून को आलीराजपुर में जिला कांग्रेस कामेटी ने जिला प्रशासन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारीत किया था। इस घटनाक्रम के बाद ताबडतोब प्रदेश कांग्रेस कमेटी, शासन, प्रशासन एकदम हरकत में आया। स्थिति यह रही कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल हनी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बडे नेताओं ने महेश पटेल से चर्चा कर इस पूरे मामले का संज्ञान लिया तथा पूरी घटना पर अफसोस करते हुए जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई शिकायत पर त्वरित कार्यवाही की जावें। अंततः अपनी गलती ओर उदासीन रवैये से घबराए जिला प्रशासन ने कांग्रेस नेताओं द्वारा की शिकायत पर त्वरीत कार्यवाही की ओर जिले में नियम विरूद्ध कर रखे करीब 400 शिक्षक शिक्षिकाओ के अटैचमेंट तत्काल प्रभाव से निरस्त कर वर्षो से अन्य संस्था ओर स्कूलों में कार्य कर रहे कर्मचारियों को अपनी मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त किया। जिला प्रशासन की इस कार्यवाही से पूरे जिले के शिक्षा विभाग में हडकंप मचा हुआ है। साथ ही ग्राम नानपुर पंचायत में तत्कालीन सरपंच, उपसरपंच व सचिव की मिलीभगत ओर मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध अनेक दूकानें जो अपने चहेतों को आंवटित कर भारी भ्रष्ट्राचार किया गया था इस संबंध में जिला प्रशासन ने त्वरीत कार्यवाही कर दूकानें खाली करवाने की कार्यवाही तथा दोषी सरपंच सचिव के खिलाफ नानपुर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। उल्लेखनीय है, इस मामले में दोषी पाए जाने पर महेश पटेल की शिकायत पर पूर्व में ग्राम के सरपंच समरथ मौर्य को धारा 40 के तहत जिला प्रशासन द्वारा सरपंच पद से पृथक किया जा चुका है। जिला प्रशासन की इस कार्यवाही पर संतुष्टि जताते हुए कांग्रेस नेता महेश पटेल ने बताया कि उनका मकसद है, जिले में शिक्षा का सुधार हो, ओर भय, भ्रष्ट्राचार ओर आतंक का साम्राज्य खत्म हो। गरीब, शोषित ओर परेशानहाल आम जनता की आवाज का जिला प्रशासन गला नही घोंट सकता है। ओर इसके खिलाफ मेरी लडाई निरंतर जारी रहेगी। आपने बताया कि करीब 400 शिक्षकों के अटैचमेंट खत्म हो जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसी स्कूलें जो शिक्षकों के अभाव में वर्षो से बंद पडी थी, जंहा शिक्षकों का अभाव था वह स्कूले अब चालू हो जाएगी। अटैचमेंट समाप्ति के मामले में ऐसे ऐसे प्रकरण सामने आए है जिन पर विश्वास नही किया जा सकता। अलीराजपुर जिले की एक स्कूल का शिक्षक विगत करीब 7 वर्षो से जिला झाबुआ अटैच हो कर मजे से नौकरी कर रहा था। जिले के अनेंक ब्लाकों में अपने अधिकार से उपर जाकर बीईओ, बीआरसी, जन शिक्षक आदि ने बडे पैमाने पर शिक्षक कर्मचारियों के अटैचमेंट ओर स्थानान्तरण कर दिए।ओर इस काम में शिक्षक कर्मचारियों से अधिकारियों ओर तात्कालीन भाजपा सरकार के नुमांइदों ने भारी राशि भी ऐठी है।कुल मिलाकर अटैचमेंट के नाम पर पूरे प्रदेश का सबसे बडा महाघोटाला इस जिले में हुआ है। जिसकी परीणिति यह रही कि 400 शिक्षकों को मन मारकर अपनी मूल संस्था में भागना पड रहा है। आपने बताया कि अभी भी कुछ कर्मचारी अटैच है। यदि किसी अधिकारी ने गलत जानकारी देकर शिक्षक कर्मचारियों का अटैचमेंट नही खत्म किया तो उसके विरूद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी। पटेल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए बताया कि इतना बडा नियम विरूद्ध महाघोटाला जिले में हो गया ओर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नही लगी। जिन अधिकारी कर्मचारियों की शह पर यह अटैचमेंट का गडबडझाला हुआ है, उन पर भी पटेल ने कठोर कार्यवाही करने की मांग मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री ओर कलेक्टर से की है। श्री पटेल ने जिला प्रशासन से मांग की है, कि जिले में होने वाले युक्तियुक्तकरण में भी ईमानदारी ओर पारदर्शिता पूर्वक कार्यवाही होना चाहीए। स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति होना चाहिए। जिन स्कूलों में अधिक शिक्षक है, उनका युक्तिकरण में उन्हें रिक्त शिक्षकों वाली स्कूलों में उन्हें भेजा जावें।विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों का भरपूर ख्याल ओर उन पर निगरानी रखी जावें। इस कार्यवाही से जिले का रिजल्ट सुधरेगा ओर छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया हो सकेगी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल, विधायक कलावती भूरिया, मुकेश पटेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधेश्याम डी, ओम राठौर, प्रकाश जैन, नपा अध्यक्ष सेना पटेल, मम्मा मियां, सिराज पठान, मंजुला पटेल, कमरू भाई अजनार, खुर्षिद अली दीवान, मदन डावर, बाबा निगम, सानी मकरानी, उसानभाई, झमरालाभाई, निहालसिंह पटेल, भाया भाई, मोहनभाई, लईक भाई आदि कांग्रेस नेताओं ने इस पूरे मामले में व्यक्तिगत गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेकर कार्यवाही हेतु जिला प्रशासन को कडे निर्देश देने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा प्रभारी मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल का आभार व्यक्त किया है, साथ ही पूरे घटनाक्रम को समझते हुए सही ओर तथ्यपरक शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने पर अलीराजपुर कलेक्टर सुरभी गुप्ता को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है। श्री पटेल ने जिले की जनता से वादा किया है, कि अन्याय ओर भ्रष्ट्राचार के के खिलाफ उनका यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
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