झाबुआ लाइव डेस्क ”
नारियल के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। किसी भी पूजा में नारियल का विशेष महत्व होता है, लेकिन महिलाएं कभी भी नारियल नहीं फोड़ती हैं। क्या आप जानते है कि इसके पीछे वजह क्या है।
दरअसल नारियल बीज रूप है। इसलिए इसे उत्पादन (प्रजनन) क्षमता से जोड़ा जाता है। स्त्रियां बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है और इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है। देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं।
नारियल से निकले जल से भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक भी किया जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है, जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष तथा कामधेनु लाए। इसलिए नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहते है। नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देवताओं का वास माना गया है।