जहां पर कभी नाला हुआ करता था वहां पर अब पैथालॉजी लैब बनाई जा रही है

0

जितेंद्र वाणी, नानपुर

अलीराजपुर जिले के नानपुर स्वास्थ्य केंद्र में जिम्मेदारों द्वारा करोड़ों रुपए के  निर्माण कार्यों के स्थान का न सीमांकन किया न स्थान का चयन को ध्यान रख गया। पुराने समय से बह रहे  नाले पर भवन का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हाउसिंग बोर्ड के द्वारा व पीआईयू विभाग के द्वारा नानपुर स्वास्थ्य केंद्र के अंदर जो निर्माण किया जा रहा है वहां पर पूर्व में गांव के बीचों बीच बड़ा नाला निकलता था। इसके बाद जनसंख्या बढ़ती गई व नाले पर ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया। 

यहां से कभी नाला निकलता था, उसी जगह पर नया भवन बनाया जा रहा है।

अब बारिश में उसी नाले की जगह से झीरी फूट रही है जिससे प्रतीत होता है की बगैर अनुमति के यह निर्माण किया जा रहा है। इसके पूर्व भी हमने  नानपुर स्वस्थ केंद्र की जमीन का सीमांकन करने की कई बार खबरे प्रकाशित कर जिम्मेदारो को अवगत भी करवाया था पर जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अपने चहेतों से ले देकर उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने दिया गया। जिससे स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नही देने पर नाले पर निर्माण किया जा रहा है। 

इस तरह झीरी फूट रही है जिससे कॉलेानी में कीचड़ हो रहा है।

यदि कलेक्टर आज भी स्वास्थ्य विभाग की जमीन का सीमांकन करवाए तो जरूर बड़ा जमीन घोटाले निकलेगा। जब ग्राम पंचायत से इस निर्माण के बारे में पूछा गया तो बताया की ग्राम पंचायत में जो निर्माण समिति है उन्हें भी नजर अंदाज कर यह निर्माण किया गया। जहां पर शासकीय पानी की टंकी बनी थी उसे ठेकेदार द्वारा तोड़ने के बाद भी ठेकेदार पर अभी तक कोई कारवाई नही हुई है। वहीं हरे भरे नीम के पेड़ को भी काट कर उस जगह पर पेथोलाजी रूम बनाया जा रहा है। बाहरी ठेकेदारों के द्वारा इस तरह के निर्माण किया जा रहे हैं जो आने वाले समय में काफी दुखदाई हो सकते हैं। 

कीचड़ पसर रहा कॉलोनी में

नाला बंद होने की वजह से दत्त कॉलोनी में पानी की जीरे बह रही है सड़क भी पूरी तरह खराब हो गई गांव  की रेती कीचड़ रहवासीयों को परेशान कर रहे है। जिससे स्वास्थ्य केंद्र में जाने वाले मरीजों को शिव मंदिर में पूजा दर्शन करने जाने वाले शिव भक्तों को वहीं सरस्वती ज्ञानदीप कान्वेंट स्कूल में हजारों बच्चों की संख्या जाते हैं वह कीचड़ में इस तरीके से परेशान होकर निकलते हैं क्या राजस्व विभाग इन ठेकेदारों पर कार्रवाई करेगा या सीमांकन कर समस्या को हल किया जाए बड़ा सवाल।

पटवारी जमरा से पूछा गया तो उनहोंने बताया कि 90 के दशक में यहां पर सीमांकन में नाला है। नाला 51 फीट का था।

Leave A Reply

Your email address will not be published.