जयस नेता कमलेश्वर ने “जमीन बचाओ आंदोलन” का बिगुल फूंका

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आज गोवरधनपुरा सैलाना मे हाल ही में केंद्रीय जेल भेरूगढ़ मे राजनीतिक बन्दी के रूप मे रासुका के तहत बन्द मालिक का बन्दा के नाम से लोकप्रिय जयस नेता कमलेश्वर डोडियार ने सैलाना के पास अनुसूचित क्षेत्र मे स्थित गोवरधनपुरा गाँव मे जयस कार्यकर्ताओं और जमीनों, पेसा कानून, पीड़ित लोगों के साथ रिव्यू मीटिंग ली, रिव्यू मीटिंग में पीड़ित लोगों ने बताया कि अपने अनुसूचित क्षेत्र और सामान्य क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभाओं और गरीब लोगों ने हज्जारों लाखों एकड़ जमीने खो दी है ।क्योंकि अनपड़, अज्ञानी व भोले भाले आदिवा और अन्य वर्गों के गरीब लोगों की जमीनें दबंग, पैसे वाले व राजनीतिक प्रभाव वाले लोगो ने दबाव बनाकर हड़प रखी है जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अस्तित्व का खतरा साबित होगी ।

इसलिए आदिवासीयों के नेता डोडियार ने बताया कि गरीब, दबे-कुचले व पीड़ित-प्रताड़ित लोगों की जमीने बचाने के लिए व्यवस्थित तरीके से अलग अंदाज में क्रांति करना पड़ेगा।  इसके साथ डोडियार ने आंदोलन की घोषणा करते हुए बिगुल फूँक दिया । आंदोलन का बिगुल बजाने के साथ डोडियार ने बताया कि कानून का पालन करने के साथ साम्प्रदायिक सौहार्द बनाते हुए “जमीन बचाओ आंदोलन” शुरू कर रहा हूँ ताकि अन्य विभिन्न वर्गों को किसी प्रकार की तकलीफ ना हो सके व जिसके बैनर तले हर वर्ग और समुदाए के परेशान लोगों की जमीने मिल सके।

डोडियार ने स्पष्ट रूप से कहा कि जुल्म के खिलाफ लड़ने हुए बंदूक गोली, तलवार का सामना करते हुए या फांसी के फंदे पर ही कुर्बानी दूंगा, यह सुनकर सारे युवाओं ने जोशीले अंदाज़ में आंदोलन छेड़ने के लिए सहमति दी। यह भी कि हाल ही मे दिल्ली विश्व विद्यालय से वकालत की परीक्षा पास करने वाले डोडियार ने आगे बताया कि जमीने बचाने के लिए जन आंदोलन के साथ साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मे भी संवेधानिक तरीके से लड़ेंगे! आंदोलन का बिगुल फूंकने के दौरान लोकप्रिय नेता डोडियार के साथ विधानसभा क्षेत्र प्रभारी विक्रमसिंह चारेल, युवा नेता केशव निनामा, रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के जयस प्रभारी भुरालाल देवडा, जयस मीडिया के जिला प्रभारी सुभाष राणा आदि बड़ी संख्या मे जयस से लोग मौजूद थे।

कमलेश्वर डोडियार (मालिक का बन्दा)
संस्थापक- जमीन बचाओ आंदोलन
जयस प्रभारी – संसदीय क्षेत्र रतलाम झाबुआ

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