जनजाति विकास मंच ने छात्रावासों में बच्चों की अचानक मृत्यु और गंभीर अनियमितताओं पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

जनजाति विकास मंच ने जिले के आदिवासी छात्रावासों , आश्रम और स्कूलों में व्याप्त घोर लापरवाही, सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और मध्यान्ह भोजन में व्यापक अनियमितताओं के विरोध में कलेक्टर को एक ज्ञापन राज्यपाल मध्य प्रदेश शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री के नाम सौंपा है।

मंच ने मांग की है कि लापरवाह वार्डन/अधीक्षकों की मात्र निलंबन की कार्रवाई न की जाए, बल्कि आपराधिक प्रकरण (FIR) दर्ज कर कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मंच ने ज्ञापन में गंभीर मुद्दों को रेखांकित किया है। कट्ठीवाड़ा ब्लॉक के छात्रावासों में विगत दो वर्षों में तीन से अधिक मासूम छात्र-छात्राओं की लापरवाही के कारण असमय मृत्यु हुई है। मंच ने इसे वार्डन/अधीक्षिका ओर संबंध विभाग के अधिकारियों की घोर आपराधिक लापरवाही का परिणाम बताया है साथ ही खाद्यान्न सामग्री जो कि जिले के सभी संस्थानों में बच्चों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता अत्यंत निम्न है, स्वच्छता मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, और पोषणयुक्त आहार नहीं मिल रहा है, मंच के अनुसार , यह आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संवैधानिक अधिकार का सीधा उल्लंघन है, निलंबन ‘खानापूर्ति’ है। मंच ने पिछली घटनाओं में हुई ‘निलंबन’ की कार्रवाई को सिर्फ खानापूर्ति बताते हुए अस्वीकार कर दिया है , ऐसी ढुलमुल कार्यवाही लापरवाह कर्मचारियों को कठोर सबक नहीं देती ।

जनजाति विकास मंच की प्रमुख और निर्णायक मांगें

मंच ने महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री महोदय से हस्तक्षेप की मांग करते हुए निम्नलिखित तत्काल कदम उठाने की अपील की है , दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई हो साथी उन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है जिस प्रकार से बच्चों की मौत हो रही है इसकी सीधे तौर पर जिम्मेदार वार्डन/अधीक्षिका और संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल गैर-इरादतन हत्या (Section 304A IPC) की धारा के तहत आपराधिक प्रकरण (FIR) दर्ज कर मुकदमा चलाने की भी माग की है ओर तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाए वही दूसरी जिले के सभी आदिवासी संस्थानों का एक उच्च-स्तरीय , समयबद्ध सुरक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय ऑडिट कराया जाए ताकि पारदर्शी मॉनिटरिंग हो वहीं सामग्री वितरण गुणवत्ता और छात्रावास संचालन की पारदर्शी ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रणाली लागू की जाए , जिसमें स्थानीय जन प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए , जनजाति विकास मंच ने चेतावनी दी। जनजाति विकास मंच जिलाध्यक्ष राजेश डुडवे ने बताया कि ज्ञापन के साथ इस लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्रीजी, शिक्षा मंत्री ओर जनजाति कार्य विभाग के मंत्री को भी पत्र लिखकर भेजा‌, यदि इस गंभीर मामलों पर कठोर और निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई, तो मंच वृहद आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर जनजाति विकास मंच जिला प्रमुख गोविंद भयडिया, उपाध्यक्ष विनय चौहान, युवा प्रमुख कादु डुडवे, नरेश सोलंकी, संदीप वासकले, मुकेश चौहान गिन्दू जामोर आदि कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

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