माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा: निराहारी दादागुरु का आलीराजपुर आगमन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का गूंजेगा संदेश

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ब्रजेश श्रीवास्तव, छकतला 

मां नर्मदा, धर्म, धरा, प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण–संवर्धन के उद्देश्य से संचालित मां नर्मदा सेवा परिक्रमा अभियान का चतुर्थ चरण आगामी 5 नवंबर 2025 (कार्तिक पूर्णिमा) से प्रारंभ होगा। यह परिक्रमा ओंकारेश्वर से आरंभ होकर निरंतर सेवा, साधना और जन-जागरूकता का संदेश जन-जन तक पहुँचाएगी।

अभियान का नेतृत्व दादागुरु भगवान कर रहे हैं, जिनका पिछले 5 वर्षों से अखंड निराहार महाव्रत निरंतर जारी है। आयोजकों के अनुसार यह अभियान देश-दुनिया की सबसे बड़ी सामूहिक नर्मदा सेवा मुहिम के रूप में निरंतर विस्तार पा रहा है। परिक्रमा के माध्यम से नर्मदा तटों की स्वच्छता, जल-संरक्षण, वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा दिया जा रहा है।

दादागुरु का अलीराजपुर जिले में प्रवास

18 दिसंबर 2025: अलीराजपुर जिले के मथवाड में सत्संग एवं रात्रि विश्राम।

19 दिसंबर 2025: मथवाड से प्रस्थान, दोपहर भोजन-प्रसादी अट्ठा में। रात्रि सत्संग एवं भोजन-प्रसादी संतिपनी स्कूल, टटल देवी (सोंडवा) में।

20 दिसंबर 2025: धार जिले के कवडा के लिए प्रस्थान।

जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जयपालसिंह खरत ने जानकारी दी कि दादागुरु का आशीर्वाद लेने के लिए कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान, सांसद अनीता नागरसिंह चौहान तथा जिला पंचायत अध्यक्ष हजरीबाई खरत मथवाड पहुँचेंगी। आयोजकों ने श्रद्धालुओं एवं स्वयंसेवकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में सहभागी बनकर मां नर्मदा की सेवा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता के इस महाअभियान को सशक्त करें। भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंद अवासिया मौजूद रहे।

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