आलीराजपुर। गत दिनों राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी की गई रैंकिंग में अलीराजपुर जिला प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल की पढ़ाई के मामले में प्रदेश में आखिर नंबर पर आया है। यह सब जिले में घटिया पढ़ाई का परिणाम है। इस संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष महेश पटेल ने बताया कि पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक स्थिति, वित्तीय प्रबंधन, बच्चों के नामांकन उपस्थिति सहित सात बिंदुओं के आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र ने जिले की रैंकिंग तय की है।जिसमे आदिवासी बहुल हमारा अलीराजपुर जिला मध्यप्रदेश में अंतिम पायदान पर है। यह बड़ी शर्मनाक स्थिति है।
विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर अलीराजपुर 45 .97 फीसदी अंक के साथ मध्य प्रदेश में 51 वे स्थान पर रहा है, जबकि हमारा पड़ोसी जिला झाबुआ इस रैंकिंग में 56.79 अंक के साथ 39 वे स्थान पर रहा है। पटेल ने बताया कि केंद्र से ओर प्रदेश से जिले में बच्चों की उत्कृष्ट शिक्षा के लिए करोड़ो रुपयों का बजट आता है परंतु अधिकारी कर्मचारी की मिलिभगत से यह बजट सब गोलमाल हो जाता है। इन बजट से जिले में शिक्षा की रैंकिंग तो नही सुधरी पर अधिकारियों कर्मचारियों की जेब की रैंकिंग जरूर बढ़ गई है। इसी का परिणाम है कि आज जिले को फिसड्डी पढाई होने का तमगा लगा है। जिले के अनेक स्कूलों में शिक्षक नही है। स्कूले बन्द पड़ी है।ग्रामीण क्षेत्रो की अनेक स्कूले प्रभावशाली शिक्षकों ने ठेके पर दे दी है।उनकी एवज में दूसरे कमजोर लोग काम कर रहे है।जवाबदार जिला शिक्षा विभाग और ट्रायबल विभाग हाथ पर हाथ धरा बैठा है। उनको बच्चो की पढाई से कोई सरोकार नही है।
