ग्रामीणों में अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियों दूर करने के लिए एसपी ने चलाया जन जाग्रति-जन संवाद कार्यक्रम

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अलीराजपुर ब्यूरो चीफ फिरोज खान (बबलू) की रिपोर्ट-
अलीराजपुर पुलिस के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जन जाग्रति कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसकी अगली कडी में थाना चान्ंदपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम रीछवी की ग्रामीण जनता के समक्ष अलीराजपुर पुलिस कप्तान विपुल श्रीवास्तव एवं उनकी टीम के अन्य अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलावा, महिला अपराध प्रकोष्ठ निरीक्षक शर्मिला चौहान एवं थाना प्रभारी चांदपुर निरीक्षक जनकसिंह रावत, सउनि दिलीप माली तथा ग्राम रामसिंह की चौकी के सरपंच किशन, ग्राम पटेल बापुसिंह, पंच, ग्राम सचिव एवं लगभग 45-50 ग्राम रीछवी के ग्रामीण महिला एवं पुरूष उपस्थित थे। जिला अलीराजपुर में व्याप्त अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीति के प्रति जन जाग्रति कार्यक्रम की शुरूआत ग्राम रामसिंह की चौकी से की गई है तथा द्वितीय चरण में ग्राम रीछवी में उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव के द्वारा उपस्थित ग्रामीणों से समक्ष चर्चा की गई तथा ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि वे कैसे अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों को त्याग कर समाज की मुख्यधारा से जुडकर आगे बढ़ सकते हैं। जादू टोना जैसा कुछ भी नही होता है यह सब अंधविश्वास है। प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में परिलक्षित हुआ है कि किसी बच्चे, व्यक्ति के बीमार होने, पालतू पशु के मर जाने, फसल खराब हो जाने आदि कारणों में डाकन/डायन की आशंका की जाती है जबकि वास्तविक स्थिति कुछ ओर ही होती है। किसी भी प्रकार की बीमारी या अन्य कारणों को लेकर बडवे आदि के पास नहीं जाना चाहिये। किसी भी प्रकार की बीमारी आदि होनें पर शासकीय अस्पताल में मरीज को दिखाये। संबंधित चिकित्सक से पूछा जावे कि संबंधित मरीज को क्या बीमारी है व किस कारण से हुई है। पुलिस अधीक्षक द्वारा ग्रामीण जनता से यह भी आव्हान किया गया कि वे नशाखेरी से दूर रहेए जिससे उनकी आर्थिक, सामाजिक स्थिति में सुधार होगा। चाहे लडक़ा हो या लडक़ी सभी को स्कूल भेजना चाहिये तथा शासन द्वारा प्रचलित योजनाओं का लाभ लेकर बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिये प्रेरित करे, जिससे ग्रामीण जनता के बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके तथा जिससे आदिवासी समाज विकसित होकर आगे बढ सके। साथ ही पुलिस अधीक्षक के द्वारा छोटे विवादों को लेकर भी ग्रामीणों से चर्चा कर बताया गया कि प्राय देखा गया कि ग्रामीण क्षैत्रों में छोटे छोटे विवाद ही बडी घटना का कारण बनते हैए जिसके परिणामस्वरूप हत्या जैसे गंभीर घटना घटित हो जाती है, जिसको लेकर ग्रामीणों को बहुत अधिक संवेदनशील होनें की आवश्यकता है। किसी प्रकार के विवाद होनें पर तत्काल स्थनीय पुलिस, डायल-100 को सूचना देकर संभावित बडी घटना को ग्रामीणों के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलावा के द्वारा ग्रामीण महिलाओं से प्रत्यक्ष चर्चा करते हुए उनसे बात की गई व उनकी समस्याओं के बारे पूछा तथा ग्रामीण महिलाओं का बताया कि वे अपनें घर में स्वच्छता बनाये रखे, परिवार में किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर तत्काल संबंधित आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करे। बच्चों को स्कूल भेजनें हेतु आव्हान किया। कम उम्र में बच्चों की शादी नहीं करवाने, साथ ही वर्तमान में साइबर संबंधी हो रहे अपराधों की धोखाधडी के बारें में ग्रामीणों को बताया, जिसके एटीएम पिनकोड धोखाधडी, मोबाइल के माध्यम से टॉवर, दो पहिया वाहन संबंधी लालच देकर खातों में पैसे डलवाना आदि के संबंध में विस्तृत रूप से समझाया। कार्यक्रम के दौरान शिक्षिका संगीता भावसार के द्वारा स्थानीय आदिवासी भाषा में शराब के सेवन नहीं करने को लेकर आदिवासी गाना भी सुनाया गया।

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