खुली डीपी व विद्युत के तारो में फंसकर राष्ट्रीय पक्षी हो रहे मौत का शिकार, आखिर कब नींद से जागेंगे जिम्मेदार?

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हरीश राठौड़, petlawad

गांधी चौक वार्ड क्रमांक 11 लगी DP से एक और मोरनी की मौत हो गई। पिछले 15 दिन में मोर और मोरनी की 5 मौतें हो चुकी है विद्युत तारों या करंट की  चपेट में हो चुकी हैं। लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण की और  नहीं जा रहा है। वहीं विद्युत लाइन  पर एक कबूतर लटका हुआ है। आज सुबह 7 बजे एक और मोरनी की मौत से पक्षी प्रेमियों को आघात लगा हैंं।जा नकारी के अनुसार इस इलाके में डीपी एवं खम्बे पर तारो का मकड़जाल है। कभी भी कोई गंभीर हादसा भी हो सकता है। इधर दाना पानी के तलाश में विचरण करते हुए मोर ओर अन्य जीव मानवीय लापरवाही से अपने प्राण गवां रहे है।

*3 दिन से लटका है कबूतर*
इसी इलाके की लाइन पर तारो में उलझ कर जान गवाने वालाएक कबूतर पिछले तीन से लटका हुआ है ,लेकिन कोई सुध लेने वाला नही। नगर के जीवदया प्रेमियों ने इस मामले में कई बार ज्ञापन भी दिये लेकिन वे कोई कार्रवाहि करा नही सके।
*अब तो जागो 
लगता है पेटलावद अंचल में निरीह जीवो की जान की कीमत कुछ भी नही। मोरो की करंट से लगातार हो रही मौत के बाद भी शासन प्रशासन कोई सुध लेने को तैयार नही है।लगातार 5 मोर असमय काल के ग्रास बन गये। जीवदया प्रेमियों ने इन जीवों से सरंक्षण के लिये तत्काल कोई ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।

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