खाद्य सामग्री व क्लिनिकों की जांच के लिए एसडीएम के नगर पहुंचते ही बंद हो जाती है दुकाने व क्लीनिक

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
प्रदेश सरकार द्वारा मिलावट खोर लोगों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है जिसमें दूध मावा पनीर नमकीन आदि खाद्य सामग्रियों को जांच करना होता है एवं दूषित या खाने योग्य नहीं होने पर उसे नष्ट करने या खाद्य उत्पादक बनाने वाली फॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करनी होती है। इसी कड़ी में 29 जुलाई को अनुविभागीय अधिकारी डॉ अभयसिंह खराड़ी अपने दल बल के साथ वि_ल नगर में किराना व्यापारियों एवं निजी चिकित्सक के यहां पर जाकर परीक्षण किया किया था और हिदायत दी थी कि कोई भी दूषित खाद्य सामग्री का विक्रय ना करें जिससे किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री से लोगों को परेशानी हो एवं बीमार हो परंतु एसडीम साहब की कार्रवाई से पिटोल के व्यापारियों में डर बैठ गया है कि कहीं कानूनी कार्रवाई के नाम पर हम लोग कहीं मुसीबत में ना पड़ जाए परंतु कल शाम को साहब बिना किसी विभाग के दल बल के पिटोल बस स्टैंड पर स्थित होटल पर जांच के लिए आए परंतु जैसी व्यापारियों के पता चला कि एसडीएम साहब गांव में चेकिंग के लिए आए हैं तो सभी व्यापारियों ने चिकित्सकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए जिसके चलते गांव में व्यापार करने आए ग्रामीणों को जब तक साहब गांव में रहे वहां तक परेशान होते रहे जिसे हिसाब गांव के अंदर अपने वाहन से निकले वैसे ही जो बाजार खुला था वह भी बंद हो गया साहब के जाने के बाद वापस बाजार खुला और दूरस्थ ग्रामीणों ने अपने व्यापार कर घर लौटे

माल निर्माताओं पर हो कार्यवाही
गांव के व्यापारियों का कहना है कि ज्यादातर नमकीन एवं खाद्य सामग्री निर्माता बिना प्रिंट की लूज थैलियों में पैकिंग कर व्यापारियों को अपना माल सप्लाई करते हैं जो वर्षों से चला आ रहा है परंतु शासन द्वारा इस ओर संज्ञान लेने के बाद यह प्रिंट वाली पैकेजिंग नहीं होने से छोटे व्यापारियों को नुकसान किया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि शासन उच्च से स्तर से निर्माताओं पर कार्रवाई करें तो हमें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इसी कड़ी में कल शाम बस स्टैंड पर स्थित होटल व्यवसाय की 25 किलो की सेव नमकीन साहब ने रोड के पास फी कवा दी जबकि व्यवसाई का कहना है कि उसने 2 दिन पूर्व ही रतलाम से सेव मंगाई थी। साहब का इस प्रकार रोड पर सामग्री फेंकना भी है प्रश्न है अगर इस सामग्री को मवेशी वगैरह भी खाते हैं तो उन्हें भी बीमार होने की संभावना होती है व्यापारी का कहना है कि अगर प्रशासन सभी बड़े खाद्य निर्माता को नोटिस जारी कर प्रिंटिंग वाली पैकेजिंग में मैन्युफैक्चरिंग डेट एक्सपायरी डेट वाली जानकारी नहीं होने की स्थिति पॉर्न खाद्य निर्माताओं पर कार्रवाई करे तो इस प्रकार छोटे व्यापारियों का नुकसान नहीं होगा।

व्यापारियों के अलावा अन्य जगहों पर जांच के लिए गए थे एसडीएम साहब

जैसे ही बाजार से बंद मिलने पर एसडीएम साहब पेट्रोल पंप छात्रावास राज्य परिवहन चेकपोस्ट हाईवे स्थित होटल आदि स्थानों पर साफ.सफाई को लेकर गए थे उसी कड़ी में साहब विदेशी शराब की दुकान पर जाएं जाकर वहां की रखी शराब की मात्रा की जानकारी ली

जिम्मेदार बोले

त्योहारों के मध्य नजर खाद्य सामग्री गुणवत्ता के लिए यह चेकिंग अभियान सत्य चलाया जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो।
डॉ अभयसिंह खराडी अनुविभागीय अधिकारी झाबुआ

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