कृषि सेवा केंद्रों पर एमआरपी से अधिक दाम में किसानों को दिया जा रहा है बीज

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बुरहान बंगड़वाला, खरडू बड़ी

बिन मौसम बारिश के कारण किसान लोग अपने कच्चे मकान की मरम्मत घर के कवेलू को ठीक करने में लग गए हैं क्योंकि जैसे ही शादी ब्याह का सीजन खत्म हुआ और बिन मौसम बारिश की बूंदाबांदी सेघबराए किसान अपने मकानों को सवारने लगे हैं। इसी के साथ ही अपने खेत खलियान में बीज बोने को लेकर भी चिंतित है क्योंकि अभी किसानों की फसल कपास की है जिसको बोने के लिए किसानों को कपास का बीज चाहिए जो कि इस बार झाबुआ जिले के शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम स्टॉक बताया जा रहा है। किसान 4 गुना पैसा देकर लाने का मजबूर है किसान ।बताया गया कि पहले किसान जो महाराणा नामक कपास का बीज आता था वह 850 से 900 में मिलता था उसी की कीमत आज एमआरपी तो 850 से 900 ही है लेकिन झाबुआ जिले के शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों के कृषि सेवा केंद्र के दुकानदार द्वारा वही बीज 3500 से 4000 तक दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यदि इसके बारे में आपने आगे शिकायत की तो अभी तो बोने के लिए बीज मिल रहा है लेकिन इसके रखरखाव के लिए और इसके छिड़काव के लिए दवा या नहीं मिलेगी। जिसको लेकर गरीब किसान परेशान है और यह भी कृषि विभाग के अधिकारी किसी भी कृषि सेवा केंद्र पर जायजा नहीं लिया जा रहा है?

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