11 साल में दूसरी बार हुआ खाद गोडाउन की बाउंड्रीवाल का भूमिपूजन किया

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बुरहान बंगड़वाला, खरडू बड़ी

रामा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खरडू बड़ी की आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था सोसायटी में खाद रखने की कमी को देखते हुए 2011 में  पेटलाद विधानसभा क्षेत्र  के विधायक निर्मला भूरिया द्वारा गांव के पारा झाबुआ मार्ग पर तालाब पाड़ा में सरकारी जगह मिलने के बाद खाद रखने के लिए एक खाद भवन मंजूर करवाया था। 

जिसके बाद आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के खाद भवन निर्माण के लिए करीब बारह साल पूर्व 2011 में पेटलावद विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया और पवेसिंग पारगी एवं ग्राम पंचायत पूर्व सरपंच, सोसायटी के प्रबंधक मिश्रा द्वारा भूमिपूजन किया गया था। आश्चर्य की बात यह है कि जब से इस भवन का भूमिपूजन हुआ तब से अभी तक वहाँ पर कुछ दबंगों द्वारा कहा जाता है कि यह जगह हमारी हैं। हम यहां मकान बनाएंगे। जिसके बाद जब भी सोसायटी वालो द्वारा मंजूर हुए इस भूमि पर कुछ कार्य किया जाता है तो उन दबंगों द्वारा विवाद किया जाता है जिसको देखते हुए आज पुनः करीब 3 लाख की लागत से बनाये जाने वाले खाद गोडाउन की बाउंड्रीवाल के लिए भूमिपूजन करने गए तब भी वहाँ विवाद उत्पन हुआ ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्रामीणजनों  द्वारा उन दबंगों को समझाए जाने के बाद भी नहीं माना गया। फिर राजस्व विभाग के पटवारी श्रीमती रेखा बिलवाल द्वारा उसे कहा गया की यहाँ पर आगे से सरकारी भवन बनने को मंजूर हुआ है ओर आप इसमें बाधा नहीं डाल सकते हो क्योंकि यह एक सरकारी जगह है जिसके बाद वहां पर आदिम जाति सेवा संस्था के मैनेजर मांगीलाल चोपड़ा और ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश भुरजी के साथ गांव के तड़वी रामा डामोर एवं ग्रामीण जनों ने बनने वाले खाद गोडाउन के भवन के चारो तरफ बनने वाले बाउंड्रीवाल का भूमिपूजन किया गया।बाउंड्रीवाल वाला के भूमिपूजन में उपस्थित आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के मैनेजर मांगीलाल चोपड़ा,  राजेन्द्र भूरिया,खेलसिंग डामोर, सरपंच रमेश भुरजी डामोर, सोबान डामोर, सेना डामोर, रतन वसुनिया, रामसिंह डामोर, रेमसिंग डामोर आदि।

दबंग विवाद करते हैं : सोसायटी प्रबंधक

आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था सोसायटी के प्रबंधक मांगीलाल चोपड़ा ने बताया कि करीब बारह वर्ष पूर्व 2011 में पूर्व विधायक पेटलावद निर्मला भूरिया और पावेसिंग पारगी द्वारा सोसायटी में खाद रखने की कमी को देखते हुए खाद गोडाउन का भवन मंजूर किया गया था।  जब भी इस मंजूर भवन निर्माण का कार्य चालू करते है तो वहाँ पर कुछ दबंगों द्वारा हमारे साथ विवाद किया जाता है। कहा जाता है कि यह हमारे जगह है हम यहां पर मकान बनाएंगे जिसके कारण अभी तक वहाँ पर सोसायटी भवन नहीं बन पाया।

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