6.50 लाख की लागत से बने आंगनवाड़ी भवन में एक साल बाद ही होने लगी टूट फूट

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बुरहान बंगड़वाला, खरडू बड़ी

रामा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खरडू बड़ी के मालभुरिया के सिंगाड फलिये में 2020-21 में झाबुआ के ग्रामीण यांत्रिकी एजेंसी द्वारा यहाँ पर 6.50 लाख की लागत से एक आंगनवाड़ी भवन बनाया गया था जो कि करीब मार्च-अप्रैल 2022 में ठेकेदार द्वारा इसे एजेंसी को हैंडओवर किया गया था। जिससे की यहाँ आंगनवाड़ी लगाई जा सके। किन्तु भवन का निर्माण ठेकेदार द्वारा इतना घटिया किया गया  कि एक वर्ष  भी नहीं हुई और  इस भवन की फरसिया टूट गई। 

मजबूरन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चो को बाहर बिठाना पढ़ रहा है। 6.50 लाख की लागत से बने इस भवन में ठेकेदार द्वारा बाहर से तो इस एजेंसी को दिखाने के लिए प्लास्टर तो कर दिया लेकिन अंदर ना तो छतों पर प्लास्टर किया गया और  इस भवन में बने शौचालय की जो टाइल्स है वो भी टूटी हुई है और इस भवन में जो फरसिया लगाई गई है वह धंस गई है। ऐसे में आंगनवाड़ी में बच्चों को कैसे बिठा सकते है।यहाँ की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा भी आला अधिकारी को इसकी शिकायत की गई लेकिन अभी तक इस ओर कोई आलाअधिकारी का ध्यान नहीं है।

बच्चों को बाहर बिठाना पड़ रहा है। यहां भी उठने की फर्सियां टूट चुकी है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मोहिनी भूरिया का कहना है कि करीब तीन माह से हम आंगनवाड़ी वाले बच्चों को बाहर बिठाने को मजबूर है क्योंकि यहाँ पर जो आंगनवाड़ी भवन बना है उसकी फरसिया टूट गई है ओर कही जगह फरसिया धस गई है जिससे कभी भी बच्चों के साथ कोई जनहानि हो सकती है इसलिए हमें बच्चों को बाहर बिठाना पड़ता है और इसमें जो शौचालय बना है वह भी यूज़ करने लायक नहीं है कहीं टाइल्स टूटी है तो कही प्लास्टर नहीं है। हमने भी कई बार ठेकेदार को अवगत कराया किन्तु अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

आंगनवाड़ी सहायिका कमला सिंगाड का कहना है कि इस भवन में ना तो लाइट है नहीं ही छत पर प्लास्टर है और जिस रूम में बच्चों को बिठाया जाता है वहाँ की फरसिया टूटी और धसी हुई है। ऐसे में हमे बारिश के समय भी बच्चों को बाहर बिठाना पड़ता है। यह भवन नाले के पास बना है तो अभी बारिश का टाइम है ऐसे में जीव जंतु निकल जाते है जिससे बच्चों को दूर रखना पड़ता है। जो ठेकेदार है उसने इस भवन का निर्माण सही तरीके से नहीं कि गया और नहीं कोई अधिकारी या इंजीनीयर भी यहां इस भवन को देखने नहीं आया।

ग्रामीण विनोद भूरिया का कहना है कि ग्रामीण यांत्रिकी एजेंसी द्वारा जिस ठेकेदार को यह भवन निर्माण दिया गया उसने इस भवन का सही तरीके से निर्माण नहीं किया गया इस भवन में कही जगह फरसिया ओर टाइल्स टूटी हुई है जो की यहाँ की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मैने भी कई बार फ़ोन करने के बावजूद यहाँ आकर इसे ठीक नहीं किया गया।  इस भवन का जो निर्माण हुआ है उसकी लागत करीब 6.50 लाख की है लेकिन इसमें ना तो छतों को प्लास्टर किया गया ओर नही यहाँ की शौचालय का सही तरीके से कार्य किया गया। इस भवन की जो खिड़किया वो भी जाम हो चुकी है खुलति ही नहीं है इसमें कई फरसिया धस गई है अब ऐसे में बच्चों को कैसे भवन के अंदर बिठा सकते है।इसलिए करीब तीन माह से यहाँ की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है वह बच्चों को बाहर बिठाने को मजबूर है क्योंकि इस ओर कोई आलाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।

ठेकेदार संदीप कुशवाह का कहना है कि हमें जो एजेंसी द्वारा काम दिया गया था भवन बनाने के लिए उसे हमने 2021 में पूर्ण कर दिया था। इसके बाद मेरे पास भी फ़ोन आया था कि यहां जो भवन बनाया है उसमें फरसिया टूटी हुई है।  मेरे कारीगर गुजरात गए है वहाँ से आ जाते है तो ठीक करवा दूंगा।

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