रबी फसल आते ही बिजली की समस्या सुनी, सिंचाई के लिए हो रहे परेशान

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बुरहान बंगड़वाला, खरडू बड़ी

रबी फसल का सीजन आते ही किसानों को खून के आँसू  अपनी फसलों को बचाने के लिए रोना पड़ता है। वैसे तो शिवराज सरकार ने किसानों से बड़े बड़े वादे करते है कि किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा अब किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की परेशानी नहीं आएगी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती हैं। सरकार के इस वादे को ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत मंडल द्वारा अनदेखा किया जा रहा है? 

जैसा कि अभी किसानों की रबी की फसल में गेंहू, चने मक्का और कपास की फसलों  के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके जिसके लिए किसान हर वर्ष अपनी फसलों को बचाने के लिए नदी या कुँए में मोटर लगा कर  खेतो में पानी घुमा सके लेकिन विद्युत मण्डल द्वारा रबी फसल आते ही किसानों के साथ आँख मिचौली का खेल चालू कर देते है। ऐसा ही रामा ब्लॉक के ग्राम खरडू बड़ी में  देखने को मिल रहा है जेसे की किसानों को दिन में या रात्रि में सिंचाई के लिए फूल लाईट दी जानी चाहिए है  जिसके जगह सिफ दिन में छ घंटे बिजली और रात्रि में छ घंटे बिजली दिया जाता है। अगर विद्युत सप्लाई सुबह 6 बजे से बारह बजे तक देते हैं तो भी कभी वाल्टेज बहुत कम आता है तो कभी लाईट घंटो बंद हो जाती है। 

किसानों के साथ साथ खरडु बड़ी के मेन बाजार की विधुत लाईट  घरेलू लाइट भी विद्युत मण्डल पारा द्वारा बंद कर दी जाती है। जब हम किसी लाइन मेन से इस बारे में बात करते है तो कहा जाता है कि विधुत लाईन बहुत पुरानी हो जाने से और ज्यादा लोड होने से लाइन बैठ जाती हैं और फिर कही पर विद्युत लाईन के तार टुट जाता है जिसके कारण से विद्युत सप्लाई बंद हो जाता है। तो क्या यह लोड सेंटिंग सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों से ही पूरा हो जाएगा क्या शहरों में इसका कोई फर्क नहीं है? क्या जब भी रबी फसल की सीजन आती है तो विधुत मण्डल द्वारा लोड सेटिंग का बहाना बना कर वोल्टेज कम करके लाइट काट देते है तो ऐसे में किसान ओर आम जन कैसे अपना काम करेंगे। जब लोड ज्यादा होता है तो  विधुत मंडल को पहले से इसके लिए व्यवस्था करना चाहिए या अपने पास व्यवस्था नहीं है तो ओवरलोड हो रहा है तो ऐरिकेशन के लिए विधुत कनेक्शन नहीं देना चाहिए

किसानों का कहना है कि जब भी  रबी फसलों का सीजन आता है तो पारा विद्युत मण्डल द्वारा अपनी मनमानी करके  लॉड सेटिंग का बहाना करके किसानों के साथ साथ घरेलू लाइट भी काट दी जाती है जिससे किसानों को अपनी फसलों की सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता है और कभी लाइट देते है तो वॉल्टेज इतना कम देते है जिससे आये दिन हमारी मोटरे जल जाती है जिससे हमको काफी नुकसान होता है। सरकार भले ही कितने ही दावे किसानों के हित में करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बया करती है कभी ।आये दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग का कह कर लाइट काट देते है।जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसान नाराज हो रहा है।

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