पेसा अधिनियम 2022 एवं वन अधिकार अधिनियम 2006 पर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

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खरडू बड़ी। मध्यप्रदेश पंचायत उपबन्ध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 (पेसा) एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी(वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006(एफ.आर.ए.) विषय पर ग्राम पंचायत पदाधिकारी एवं कर्मचारी का 02 दिवसीय प्रशिक्षण जनपद पंचायत रामा के सभा कक्ष में संपन्न हुआ।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ जितेंद्र सिंह चौहान के दिशा निर्देश अनुसार पेसा एक्ट एवं वन अधिनियम 2006(एफ.आर.ए) पेसा प्रशिक्षण कार्यक्रम की संपन्न हुआ कार्यक्रमकी शुरुआत ज्ञान की देवी मां सरस्वती की तस्वीर पर माली अर्पण कर एवं दीपप्रजलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित जनपद पंचायत सीईओ वर्षा सोलंकी की एवं बीपीओ जगजीवनराम दोहरे पंचायत इंस्पेक्टर अधिकारी बाबूलाल बारिया एवं अन्य प्रतिभागी द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज प्रशिक्षण केन्द्र इन्दौर के द्वारा प्रत्येक क्लस्टर वार में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जनपद पंचायत रामा के अंतर्गत आने पांच क्लस्टर खेड़ा,उमरकोट,रोटला, पारा,रजला इन सभी क्लस्टरो में दो,दो दिवसो का प्रशिक्षण लगभग 550 प्रतिभागियों का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित,विभागीय अमले को पेसा अधिनियम तथा वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देना और जमीनी स्तर पर इनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना।

प्रशिक्षण के दौरान पेसा एक्ट विकासखंड समन्वयक अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर विजू मावी के साथ MRP करण सिंह परमार द्वारा प्रतिभागियों को पेसा अधिनियम के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि पेसा अधिनियम के तहत ग्राम सभा को सर्वोच्च इकाई माना गया है।

और ग्राम सभाओ को अपने क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, जंगल और जमीन के संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है। ग्राम सभा की सहमति के बिना किसी भी प्रकार की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया, खनन गतिविधि अथवा विकास कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता।

प्रशिक्षण सत्र में यह भी स्पष्ट किया गया कि पेसा अधिनियम के अंतर्गत ग्राम सभाओ को स्थानीय विवादों के निपटारे, सामाजिक परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के संरक्षण, तथा लघु वनोपज के संग्रह, उपयोग और विपणन से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार भी प्राप्त है।

साथ ही, आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा हेतु ग्राम सभाओ की भूमिका को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के संदर्भ में बताया गया कि यह अधिनियम वन क्षेत्रों में लंबे समय से निवासरत आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों को उनके व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता प्रदान करता है। प्रशिक्षण में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की जानकारी विस्तार से दी गई। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस में समस्त क्लस्टरो में दोपहर में चाय पानी और भोजन के साथ समूह चर्चा, प्रश्नोत्तर सत्र एवं व्यवहारिक उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया गया। उपस्थित अधिकारियों एवं प्रशिक्षकों ने ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने, पारदर्शिता बनाए रखने तथा कानूनों के सही उपयोग से ग्राम सभा को गति देने की आवश्यकता पर बल दिया प्रशिक्षण में उपस्थित सरपंच उप सरपंच सचिव रोजगार सहायक पेसा मोबिलाइजर आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पेसा एक्ट से गठित तीन-तीन समितियां के सदस्य एवं अन्य प्रतिभागियों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया एवं इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक संपन्न करवाया।

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