एसआईआर में जानकारी उपलब्ध करने के लिए बीएलओ घर घर दे रहे दस्तक, लेकिन कई परेशानी आ रही 

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खरडू बड़ी। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)अभियान शुरू हो गया है इसके लिए आप जिम्मेदारी अधिकारी भर सक प्रयास कर रहे हैं कि कोई मतदान से वंचित न रहे जिसके तहत बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं।

झाबुआ जिले के गांव खरडू बड़ी में भी बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं लेकिन उनके सामने एक बड़ी चुनौती यह आ रही है कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग पलायन पर जा चुके हैं और अधिकांश लोगों के पास उनके फोटो वगैरा और जो कागजात होने चाहिए वह उपलब्ध नहीं होने से उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अब जो नियम है उसमें बहू बेटी को भी उनके पुराने माता-पिता के कागजात लाकर सत्यापन करवाना पड़ रहा है वह भी बहुत बड़ी चुनौती है इसी के साथ शासन द्वारा बीएलओ को एक दिन में 200 से ढाई सौ (SIR)फॉर्म ऑनलाइन करना है जिसको लेकर बीएलओ भी चिंतित है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर की काफी समस्या होती है जिसको लेकर 1 दिन में 40 से 50 फॉर्म ही ऑनलाइन हो सकते हैं और आयोग द्वारा 4 दिसंबर तक इन्हें पूर्ण करने का आदेश दिया है लेकिन यह संभव नहीं है जिसको लेकर शासन और आयोग को विचार कर जो डेट लाइन है उन्हें आगे बढ़ानी चाहिए।

*पलायन पर गए लोगों से मंगवा रहे दस्तावेज*

वर्तमान समय में गांव के फलियां में पहुंचकर कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा लोगों के फॉर्म भरे जा रहे हैं बावजूद उसके जानकारी एकत्रित नहीं होने से इस काम में गति नहीं मिल पा रही है हालांकि जमीन स्तर पर पंचायत विभाग ,शिक्षा विभाग और बीएलओ पूरी मुस्तादिक के साथ जुटे हुए है।लेकिन वहीं पलायन करने वाले लोगों का भी फॉर्म भरने के लिए कर्मचारियों के द्वारा काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जैसे तैसे ऑनलाइन डॉक्यूमेंट बुलाया जा रहे हैं जिससे उनका फॉर्म भरा जा सके।

*बीएलओ का कहना है* कि (SIR) फॉर्म भरने में हमें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि हम घर घर जा रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या होता है कि एक घर पर हमको दो से चार राउंड लगते हैं जब जाकर उनके डॉक्यूमेंट हमारे पास आते हैं अब अधिकांश लोग पलायन पर है उनसे हमको डॉक्यूमेंट मंगवाना तो उसके द्वारा जो डॉक्यूमेंट आते हैं उन्हें फिर उनके घर जाकर फिर से वापस लेना फिर उनका फॉर्म भरना ऐसे में हमारे पास एक घर में दो से चार राउंड लगते हैं जब जाकर हमारे पास उनके सारे डॉक्यूमेंट आते हैं और इसके बाद उनके फोटो चाहिए तो उनके पास किसी के पास मोबाइल है किसी के पास नहीं है तो ऐसे में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आयोग की जो डेट लाइन है 4 दिसंबर तक यह काम संपूर्ण करना है ऐसे में अब हमको भी आदेश दे रखा है कि एक दिन में 200 से ढाई सौ फार्म आपको ऑनलाइन करना है तो अब ग्रामीण क्षेत्र में तो सर्वे की दिक्कत आती है जिसे लेकर 1 दिन में करीबन 40 से 50 फॉर्म हम जैसे तैसे रात दिन जागकर करते हैं और कई बार फिर मीटिंग में बुला लेते हैं तो वहां पर हमारा समय व्यस्त हो जाता है जिसके कारण हम यह काम जल्दी नहीं कर पा रहे हैं जो डेट लाइन है आयोग की उसको थोड़ा आगे कर देना चाहिए ताकि हमारे ऊपर ज्यादा पेशर है वह कम हो जाये।इसको लेकर हम रात दिन खाना पीना छोड़कर इसके पीछे लगे रहते हैं सुबह से उठकर 7:00बजे से लेकर रात भर हम इसी में लगे रहते हैं और अभी खेती में भी लोग लगे हुए है तो उन्हें भी जा जाकर बुलाकर लाना पड़ता है यह काफी बड़ी चुनौती है हमारे लिए।

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