डोल ग्यारस महोत्सव में उमड़ेगा आस्था का सैलाब, उड़ेगी रंग-बिरंगी गुलाल

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विजय मालवी, बड़ी खट्‌टाली

चारभुजा धाम बड़ी खट्टाली में इस बार भी ऐतिहासिक डोल ग्यारस महोत्सव भव्य रूप से आयोजित होगा। 3 सितंबर बुधवार को होने वाले इस धार्मिक आयोजन को लेकर तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं। ग्राम की पहचान बन चुका यह पर्व सुबह 6 बजे मंगला आरती के साथ प्रारंभ होगा, जिसके बाद प्रभात फेरी निकाली जाएगी।

सुबह 9 बजे श्रृंगार आरती के पश्चात क्षेत्र से आने वाली पदयात्राओं का ग्राम में प्रवेश शुरू होगा और श्रद्धालुओं का सैलाब गाँव की गलियों में उमड़ पड़ेगा। इसके बाद सुबह 11:30 बजे ध्वजारोहण होगा, जो 11 बंदूकों की सलामी के साथ सम्पन्न होता है। ध्वजारोहण के तुरंत बाद राजभोग आरती होगी, जिसमें भगवान को फलाहारी छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा। मंदिर में मिलने वाला मठड़ी, सागर और लड्डू का प्रसाद राजस्थान के सांवरिया सेठ के प्रसिद्ध कारीगरों द्वारा विशेष रूप से तैयार किया जाता है, जिसे श्रद्धालु दर्शन उपरांत सशुल्क प्राप्त करते हैं।

दोपहर 4 बजे उत्थापन आरती होगी, जिसके पश्चात “आलकी के पालकी… जय कन्हैया लाल की…” के जयघोष के बीच भव्य चल समारोह निकाला जाएगा। हाथी, घोड़े, बग्घी पर सवार भगवान चारभुजा नाथ भक्तों को दर्शन देंगे। जुलूस के अग्रभाग में बैंड की मधुर धुनें और अश्व नृत्य विशेष आकर्षण होंगे। श्रद्धालुओं का उत्साह और चारों ओर उड़ती रंग-बिरंगी गुलाल माहौल को अद्भुत और अलौकिक बना देगी। चल समारोह ग्राम के प्रमुख मार्गों से होता हुआ हथनी नदी तट पहुँचेगा, जहाँ भगवान का जलाभिषेक और महाआरती होगी। आतिशबाजी, फटाकों की चमक और बैंड की गूंज श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देगी। इसके बाद शोभायात्रा पुनः मंदिर पहुँचेगी, जहाँ महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा। रात्रि में भजन संध्या से आयोजन का समापन होगा।

ग्राम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु माहेश्वरी समाज, जैन समाज, राठौड़ समाज, ब्राह्मण समाज, सेन समाज, प्रजापत समाज एवं कर्मचारी वर्ग सहित सभी समाजजन सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय चौकी प्रभारी ने बताया कि प्रभारी जिला पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। स्वयं चौकी प्रभारी व पुलिस स्टाफ लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।

राजस्थान के हलवाई ने मठरी की प्रसादी बनाई

प्रसादी बनाने के लिए सांवरियाजी से झमकलाल सुखपाल आए हुए हैं। उन्होंने पांच क्विंटल की प्रसाद बनाई है। लड्‌डू, रोट और मठरी की पांच क्विंटल की प्रसादी तैयार की गई है। वे यहां करीब 10 सालों से आ रहे हैं। पहले छोटे स्तर पर कार्यक्रम होता था तो दो से तीन क्विंटल बनती थी। इसके 3 सितंबर को शाम को महाआरती के बाद एक क्विंटल की फरियाली खिचड़ी बंटेगी। 

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