चारभुजा नाथजी की जलवा पूजन का महोत्सव व देवझूलनी डोल ग्यारस महोत्सव की चल रही तैयारी

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विजय मालवी, बड़ी खट्टाली

प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी चारभुजा धाम बड़ी खट्टाली में भगवान श्री चारभुजा नाथ जी की जलवा पूजन का महोत्सव व देवझूलनी डोल ग्यारस महोत्सव दिनांक 06.09. 2022 वॉर मंगलवार को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाएगा।

इस पर्व की तैयारियां बड़ी जोर शोर से चल रही है। भगवान की महा प्रसादी की तैयारियां करीब 10 दिन पूर्व से ही प्रारंभ हो जाती है और भगवान की महा प्रसादी के रूप में मठड़ी, लड्डू, व सागर का महा प्रसाद बनाया जाता है और इस प्रसाद को बनाने के लिए प्रति वर्षानुसार सांवरिया सेठ धाम से हलवाई झम्मकलाल जी, प्रकाश जी व उनकी पूरी टीम द्वारा यह प्रसाद बनाया जाता है  इस उत्सव में दूर दूर से पधारे सभी भक्तों द्वारा इस प्रसाद को लेकर भगवान के मंदिर में चढ़ाया जाता है और साथ ही अपने घर ले जाते हैं भगवान श्री चारभुजा नाथ जी को इस पर्व पर शुद्ध घी से बने 5.25 क्विंटल की प्रसादी का भोग लगाया जाता है इस महाप्रसादी को पाने के लिए पूरे वर्षभर भक्त लोग इंतजार करते हैं इस दिन इस प्रसादी का बहुत बड़ा महत्व है जो कि यह प्रसादी भगवान को बहुत प्रिय है चारभुजा महोत्सव समिति के मार्गदर्शन द्वारा इस पूरे महोत्सव को मनाया जाता है प्रसादी के कार्य में जुटे समिति के कार्यकर्ता मदन लड्ढा, मनोज परवाल, ओमप्रकाश लड्ढा, रमेश राठौड़, महेश मालानी व समिति के सभी सदस्य इस महाप्रसादी को बनवाने में जुटे हुए हैं। इसी के साथ इस उत्सव को देखते हुए गांव में पूरी साफ सफाई की जा रही है, लाइट लगाई जा रही है, पार्किंग की सुविधा की जा रही है, आवागमन की पूरी व्यवस्था की जा रही है, फिल्टर पानी की भी व्य्वस्था की जा रही है। सभी भक्तों को असुविधा न हो इसे देखते हुए प्रशासन द्वारा भी पूरी सुरक्षा का इंतजाम किया जा रहा है साथ ही प्रशाशनिक व्यवस्था भी पूरी तरह चल रही है। इस दिन राजभोग आरती में भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है जिस की व्यवस्था समिति के युवा सदस्यों द्वारा की जा रही है। साथी देवझूलनी एकादशी पर भगवान की सुबह से लेकर शाम तक 6 आरती उतारी जाती है जिसमें 6 आरतियों में भगवान के अलग-अलग एवं आकर्षक श्रंगार की हुई 6 पोशाक भी बदली जाती है पोशाकों द्वारा भगवान को अलग-अलग रूप देते हुए अद्भुत श्रंगार किया जाता है पोशाक समिति के सदस्य कैलाश परवाल, प्रदीप पवार, सीताराम सेन, गोविन्द सेन 1 महीने पूर्व से ही इस कार्य मे जुटे हुए हैं।

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