खट्टाली के मंदिरों एवं घरों में पूजा अर्चना के साथ हुआ तुलसी विवाह, की गई आतिशबाजी

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विजय मालवी, खट्टाली

 देवउठनी ग्यारस, ग्यारस खोपड़ी के पावन अवसर पर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के समस्त मंदिरों में ग्यारस का यह पर्व उत्साह के मनाया गया। भगवान शालिग्राम संघ तुलसी माता का विवाह धूमधाम से कराया गया भगवान शालिग्राम की बारात ग्राम के प्रमुख मार्गो से होते हुए पुनः चारभुजा मंदिर प्रांगण पहुंची बाराती का स्वागत कर तुलसी माता का विवाह संपन्न कराया गया ।

माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्ष भविका परवाल ने बताया कि सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी से ही मांगलिक कार्यों, शादी ब्याह की शुरुआत होती है। इस दिन तुलसी और शालिग्राम जी के विवाह का आयोजन भी आयोजित होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को कन्यादान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु अपनी 4 महीने की निद्रा से जाग जाते हैं, कहा जाता है कि भगवान विष्णु इस दिन सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। ग्यारस के दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण ने देवी वृंदा ,तुलसी के साथ विवाह किया था। समाजसेवी व मंदिर के ट्रस्टी ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी चारभुजा मंदिर प्रांगण में 12 नवंबर मंगलवार को देवउठनी एकादशी के उपलक्ष में चारभुजा मंदिर प्रांगण में ग्यारस की पूजा के साथ ही श्याम जी का जन्मोत्सव, बाबा के भजनों के साथ, ज्योत प्रज्वलन, छप्पन भोग, महाआरती के साथ भव्य आतिशबाजी कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें बड़ी संख्या में भाग लिया, मंदिर के पुजारी पंडित नारायण शर्मा ने भगवान का विशेष श्रंगार कर महाआरती की एवं महिला मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुती दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम पश्चात फरियाली प्रसादी का वितरण भी श्रद्धालुओं को किया गया, खट्टाली सहित अलीराजपुर जिले के पूरे शहर में जमकर की गई आतिशबाजी

देवउठनी एकादशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है, आज बच्चों एवं युवाओं ने पटाखे फोड़ने का भी खूब आनंद लिया, समाजसेवी धर्मेंद्र परवाल ने बताया कि विवाह संपन्न होने के बाद आतिशबाजी का जो सिलसिला शुरू हुआ वह देर रात तक चलता रहा।

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