करोड़ों की लागत से बना अस्पताल, लेकिन रात में डॉक्टर नदारद; गर्भवती महिलाओं, एक्सीडेंटल मरीजों को भी नहीं मिल रही सुविधा
विजय मालवी, बड़ी खट्टाली
जहाँ सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की बात करती है। वहीं ज़मीनी सच्चाई इससे उलट है। करोड़ों की लागत से बने आरोग्यम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बड़ी खट्टाली में रात में डॉक्टर मौजूद नहीं रहते। अस्पताल में तीन चिकित्सक पदस्थ है। फिर भी रात को इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को सिर्फ एक स्टाफ नर्स के भरोसे छोड़ दिया जाता है। जो किसी भी आपात स्थिति में उचित इलाज या परामर्श देने की स्थिति में नहीं होती।

ताजा मामला कल रात का है जब खट्टाली निवासी नदीम खत्री अपने भांजे को लेकर रात 9 बजे अस्पताल पहुंचे। भांजे को कमर में तेज दर्द और यूरिन में जलन की गंभीर शिकायत थी। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें कोई डॉक्टर नहीं मिला। नर्स ने बताया कि ड्यूटी में कोई डॉक्टर नहीं है। जिसके बाद परिजनों को रोगी को जोबट रेफर करना पड़ा और तब तक उसकी तकलीफ बढ़ चुकी थी। यह कोई एकमात्र मामला नहीं है। पूर्व में भी कई बार ऐसी स्थिति सामने आई है। जब गर्भवती महिलाएं प्रसव पीड़ा में अस्पताल पहुंची। लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण उन्हें निजी अस्पताल या जोबट अस्पताल ले जाना पड़ा। एक्सीडेंट के केस में भी मरीजों को समय पर प्राथमिक उपचार नहीं मिला और उनकी हालत बिगड़ गई। हर बार यही जवाब.. डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसी लापरवाह व्यवस्था ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य की जगह असहायता और खतरे में डाल दिया है।

जब अस्पताल में तीन डॉक्टर तैनात है तो रात की ड्यूटी से बचने की छूट किसने दी? क्या इन डॉक्टरों की कोई जवाबदेही नहीं? स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन आखिर किसका इंतजार कर रहे हैं? ग्रामीणों का सवाल है। जब करोड़ों खर्च कर अस्पताल बना तो सेवा सिर्फ दिन में क्यों? क्या रात में ग्रामीण बीमार नहीं पड़ते?
ये बोले बीएमओ
इस मामले में जब बीएमओ डॉ. विजय बघेल से फोन पर चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर की पीजी परीक्षा के कारण संभवतः वह ड्यूटी पर नहीं रह सके। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सामान्यत: रात्रिकालीन ड्यूटी डॉक्टरों की लगाई जाती है और मामले की जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सवाल – बड़ी खट्टाली स्वास्थ्य केंद्र से जारी हो रहे जन्म प्रमाण पत्रों में “छोटी खट्टाली स्वास्थ्य केंद्र” क्यों दर्ज हो रहा है। जबकि वहां कोई स्वास्थ्य केंद्र है ही नहीं?
जवाब – बीएमओ डॉ. विजय बघेल: यह संभवतः तकनीकी गड़बड़ी है। छोटी खट्टाली में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। फिर भी अगर प्रमाण पत्रों में ऐसा दर्ज हो रहा है, तो यह गंभीर त्रुटि है। हम इसे दिखवाकर जल्द सुधार करवाएंगे।