क्षतिग्रस्त सड़क की दोनों साइडों पर डाली काली मिट्टी, दुर्घटनाओं को दे रही दुर्घटनाओं को न्योता

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मयंक विश्वकर्मा,आम्बुआ
आम्बुआ तथा बोरझाड़ को जोडऩे वाला पुल जिसके दोनों किनारों की सड़क 9 अगस्त को हुई भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई थी। झाबुआ लाइव में समाचार के बाद उसमें मिट्टी मुर्रम भरी गई जो कि गलत तरीके से भरी गई थी उसके बाद ने इस मुद्दे को पुन: उठाया तो दो.तीन ट्रैक्टर काली मिट्टी किसी खदान से पत्थर युक्त और लाकर डाल दी गई, जिससे दुर्घटना की आशंका और अधिक बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में इस वर्ष विगत वर्षों की तुलना में बहुत अधिक हो चुकी है तथा कभी भी रुक रुक कर कभी तेज तो कभी हल्की वर्षा हो रही है। 8 अगस्त को हुई मूसलाधार वर्षा के कारण 9 अगस्त को नदी में बाढ़ आ गई बाढ़ इतनी भयानक रही कि समीप ग्राम बोरझाड़ की आधी आबादी में हथनी तथा उसके सहायक नाले कटारिया नाले का पानी घुस गया। हथनी नदी पर बना नया पुल जो कि अधिक ऊंचाई पर है वह भी घंटों बाढ़ में दुबा रहा बाढ़ के कारण नदी के पुल के दोनों किनारे की सड़क क्षतिग्रस्त हो गइ। बाढ़ की भयानकता के सचित्र झाबुआलाइव के न्यूज पोर्टल में अपने 11 अगस्त 2019 के अंक में प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। उसके बाद सड़क की क्षतिग्रस्त पट्टियों में मुर्रम भरी लेकिन वह अव्यवस्थित तरीके से भरी जाने के कारण पुन: सचित्र समाचार 6 सितंबर के अंक में प्रकाशित किया नतीजा स्वरूप संबंधित विभाग या ठेकेदार द्वारा किसी पत्थर खदान या जंगल से काली मिट्टी जिसमें डोलोमाइट मिले हुए हैं। वाहन से भरकर सड़क किनारे डाली गई तथा जेसीबी की मदद से उसे किनारे पर लंबाई के साथ दीवार की तरह डाली गई है। काली मिट्टी होने से यदि बारिश होती है तो कीचड़ में तब्दील होगी या फिर सड़क नीचे खाई में बह जाएगी ऐसी स्थिति में यदि कोई दो वाहन आमने.सामने क्रॉसिंग होने पर भूल से थोड़ा भी कोई वाहन पट्टी से उतरा तो दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। कभी भी घटना घटित होने की आशंका बनी हुई है वाहन चालकों ए वाहन मालिकों एवं आंबुआ बोरझाड़ के नागरिकों की प्रशासन से मांग है कि पुल के दोनों छोर की सड़क के कटाव वाले भाग को मजबूती के साथ पत्थर बोल्डर जमाए जाए जिसे टीचिंग भी कहते हैं ताकि इस पत्थरों के कारण मिट्टी का कटाव रुकेगा तथा दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा।
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