क्राइम ब्रांच की टीम ने सट्टा लिखते 2 सटोरियों को किया गिरफ्तार, इसी तरह की कार्यवाही की और है दरकार..

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नवनीत त्रिवेदी, झाबुआ

सट्टा एक सामाजिक बुराई है, इस के दलदल में आजकल का युवा वर्ग हो या किशोर वर्ग, मध्यम वर्ग हो या संपन्न वर्ग हर कोई लगातार धसता जा रहा है.. झाबुआ जैसी छोटी जगह पर भी अवैध सटोरियों ने अपने जाल चारों ओर फैला रखे हैं, इन पर कार्यवाही की मांग तो हमेशा से ही उठती है मगर पुलिस इनके दबाव – प्रभाव के चलते अंकुश लगाने में कहीं न कहीं विफल होती रही है, बड़ी और कठोर कार्यवाही की दरकार अभी भी उन परिवारो को है, जिनके सदस्य इस सट्टे रूपी मकड़जाल में फंस अपना सब कुछ गवा बैठे हैं, आज झाबुआ की क्राइम ब्रांच की टीम ने दो जगह कार्यवाही पर पंकज पिता सौभागमल जैन निवासी दिलीप गेट  तथा दरु पिता मंगू डामोर निवासी माकनकुई को सट्टा लिखते गिरफ्तार किया, इन पर सट्टा अभिनियम की धारा 4 क के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, इनके पास से नगद रुपए सहित सट्टा  पर्ची भी बरामद हुई है, उम्मीद है  आगे भी ऐसी कार्यवाही जारी रहेगी एवं अवैध कार्यों में संलग्न असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ बढ़ेगा जिससे शहर सहित जिला सट्टा – जुआ मुक्त, नशा मुक्त एवं अपराध मुक्त होगा.. 

बड़ा सवाल – आखिर लोकल पुलिस क्यों है मौन..??

शहर में कई जगह अवैध सट्टा, जुआ, अवैध नशे का कारोबार अपने चरम पर है, अनेक चौराहों पर ये अवैध कार्य करने वाले असामाजिक तत्व आसानी से उपलब्ध होते है..   जब इन सट्टा कारोबारियों पर क्राइम ब्रांच  कार्यवाही कर रही है, तो  कही न कही इसका अर्थ ये है कि आसूचना संकलन / खुफिया तंत्र या तो निष्क्रिय है या ये अवेध कारोबारी संरक्षित है, खेर ये पुलिस का मसला है.. लेकिन जरूरत है तो बस इन पर कठोर कार्यवाही की..

ताकि कई परिवार जो बर्बाद हुए है.. नशे के कारण जिनके घर के चिराग बुझे है.. उन्हें राहत मिले.. और फिर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो..

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