क्या आप जानते है भगवान कृष्ण की मृत्यु आखिर कैसे हुई थी

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झाबुआ लाइव डेस्क । 2292therednews

भगवन कृष्ण के 16108 रानिया थी आठ मुख्य रानियों से दस पुत्र हर एक से थे तो फिर उनके वंश का क्या हुआ ये बात विचार का मुद्दा है, इस का जवाब मौसला पर्व में छुपा है.

महाभारत के युद्ध के बाद कृष्ण गंधारी से मिलने गए और उनके पुत्रो की एक एक करके कैसे और किसने हत्या की बताया, तब गंधारी ने कृष्ण को श्राप दिया की तुम्हारा वंश भी ऐसे ही लड़ के मरेगा.

सब कुछ शांति से था भगवन कृष्ण 36 वर्ष के हो गए, उसी समय उनके पुत्र साम्ब (जाम्वन्ति से पैदा हुए) ने महिला का वेश बदला और अपने मित्रो के साथ वंहा चले गए जन्हा ऋषि विश्वामित्र दुर्वासा और नारद बैठे हुए थे.

साम्ब ने खुद को गर्भवती बताया और ऋषियों से पूछा की बताओ लड़का होगा की लड़की तब गुस्से में ऋषियों ने श्राप दिया तुम्हारे गर्भ से लोहा जन्मेगा और उसी से तुम्हारा पूरा वंश मिट जायेगा.

तब राजा उग्रसेन ने उस लोहे को पिसवा के समुद्र में फिंका दिया जो की बाद में घास बन के उग गई, विवाह उत्सव में सब द्वारका में समुद्र तट पे बैठे थे की कृतवर्मा और सात्यकि के बीच झगड़ा हुआ जो हिंसक हुआ और दोनों आपस में मर गए देखते देखते लोहे से पैदा हुई एरका घास को हाथ में उठाते ही वो हथियार बनता और सब आपस में लड़ के मर गए. तब बलराम और उग्रसेन समुन्द्तल में चले गए.

उस घास को एक मछली ने खाया उसे चिर एक बहेलिये ने उससे तीर बनाया और वही तीर कृष्ण के पैर में लगा और वो भी मारे गए. तब अर्जुन सबको मथुरा ले गया और एक मात्र जीवित वज्र को वंहा का राजा बनाया और राज कराया. तब दुखी हो पांडव स्वर्गारोहण के लिए निकल गए.

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