कोरोना व कफ्र्यू के कहर के साथ आर्थिक सकंट से घिरा जनमानस, सुध लेना वाला नहीं है कोई

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दिपेश प्रजापति, झाबुआ
एक तरफ करोना कहां तो दूसरी तरफ बढ़ती जनमानस की चिंता करो ना कफ्र्यू से ईएमआई का टेंशन झाबुआ पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी लगातार जारी लॉकडाउन में जहां एक और गरीब एवं मध्यवर्गीय व्यक्तियों को उनके द्वारा लिए गए समूह लोन व उसकी ईएमआई का टेंशन है वही कोरोना के इस संकट काल में लोगों को घर चलाने के साथ-साथ भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यह बात किसी से भी छुपी नहीं इस संकट की घड़ी में किसी की सैलरी कम हो गई है तो किसी की नौकरी ही चली गई। हालात दिन बात दिन बद से बदतर हो जा रहे हैं ऐसे में जब लोन की किश्त ईएमआई भरने का वक्त आता है तो यह लोग और परेशान होते ही दिखाई देते हैं। ऐसे समय में कई ऐसे मध्यवर्गीय गरीब परिवार भी हैं जिनको किस्तों के साथ-साथ घर के राशन की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है झाबुआ जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होने से अधिकांश लोग मजदूरी का काम कर अपना जीवन यापन करते हैं और कई ऐसे गरीब परिवार हैं जो अपनी जिंदगी रोज कमाए गए पैसों से गुजरते हैं कई ऐसे भी गरीब मध्यवर्गीय परिवार भी हैं जिनमें कमाने वाले की संख्या 1 है और परिवार बड़ा होने से घर में अनेक सदस्य हैं जो बेरोजगार हैं तो कई के पास काम नहीं है और ऐसे समय में भी सरकार द्वारा लगाए गए 14 अप्रैल से कफ्र्यू लोक डाउन लगाने की घोषणा की गई थी जिसमें आम नागरिक को द्वारा 1 सप्ताह का राशन खरीदी की गई थीष अब उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कफ्र्यू को पहले 26 अप्रैल तक और अब 30 अप्रैल तक होने से गरीबों पर दोहरी मार पड़ रही है। लेकिन परेशानी देखने वाला कोई नहीं है।

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