केमिकल उद्योगों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को खुले में बहाए जाने से हो रहे मानव स्वास्थ्य के प्रतिकूल प्रभाव को लेकर हिंदू युवा जनजाति संगठन ने प्रभारी मंत्री को ज्ञापन

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झाबुआ लाइव डेस्क-

औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में संचालित केमिकल उद्योगों द्वारा औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थों को नाले में जोड़ देने के कारण जल, जंगल व जमीन गंभीर क्षति होने तथा मानव स्वास्थ्य व पशु-पक्षियों को क्षति पहुंचने को लेकर हिंदू युवा जनजाति संगठन मध्य भारत ने एक ज्ञापन प्रभारी मंत्री को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि मेघनगर शहर में मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (इंदौर) द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्र में संचालित के केमिकल उद्योग द्वारा नियम विरुद्ध तरीकों से उद्योग सचालित किए जा रहे हैं। कई प्रकार की अनियमिताओं से संचालित इन उद्योगों को प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जिससे पर्यावरण को गंभीर के साथ मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं उद्योगों के मालिकों द्वारा नालियां बनाकर दूषित पानी अपशिष्ट पदार्थ खुले में डाले जा रहे हैं, तो वहीं दूषित पानी रेलवे के नाले से बहकर वन क्षेत्र नर्सरी होता हुआ छोटाघोसलिया से राखडिय़ा के तालाब में मिल रहा है। इन जल स्त्रोतों के आसपास आदिवासी समाज निवास करता है तो जिससे पानी का उपयोग करने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं फसलों के साथ-साथ वन्य जीव को भी नुकसान पहुंच रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास ग्राम फुटतालाब, फतीपुरा, आमलीपठार व गारिया नाले से लगे हुए मेघनगर क्षेत्र में इन केमिकल उद्योगों द्वारा अपशिष्ट पदार्थ बहा दिए जा रहे हैं, जिससे प्रतिदिन मवेशी व आसपास के रहवासी मौत के शिकार हो रहे हैं।
वहीं औद्योगिक क्षेत्र में संचालित केमिकल इकाइयों के उद्योगपति धन बल के दम पर नियम कायदों को धता बताते हुए अपशिष्ट पदार्थों का ट्रिटमेंट स्वयं न करते हुए खुले में छोड़ रहे हैं। जिला प्रशासन को भी कई बार इससे अवगत करवाया गया लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। हिंदू युवा जनजाति संगठन मध्य भारत के पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार से जल्द ही इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने हेतु मांग की है।

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