कृषि अधिकारी की लापरवाही पोर्टल हुआ बंद, किसानों के कर्जमाफी के फार्म नहीं हुए जमा, किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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सलमान शैख़, पेटलावद

मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना में नगर सहित जनपद क्षैत्र के दर्जनो ग्रामो के करीब 80 फार्म नगर परिषद व ग्राम पंचायत के माध्यम से जनपद कार्यालय में जमा कराए थे, लेकिन लापरवाह कर्मचारियो के कारण उन्हें कर्ज माफी योजना से वंचित रहना पड़ेगा। इस पूरे मामले में कृषि अधिकारी की उदासीनता और बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।
अब बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है। अब कौन इन शेष बचे किसानो का ऋण माफ करेगा, क्योकि पोर्टल बंद हो चुका है, इस स्थिति में जो फार्म रह गए है वह इस योजना का लाभ नही ले पाएंगे और बैंको पर उनका कर्ज यथावत स्थिति में है।
जानकारी के मुताबिक जय जवान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत सभी पात्र किसानो को 2 लाख रूप्ए तक ऋणमाफी का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया गया था। बैंक से प्राप्त मास्टर डाटा शीट के आधार पर तैयार हरी और सफेदी सूची में नाम या ऋण राशि या अन्य जानकारी से सहमति नही होने यह दोनो लिस्ट में नाम नही होने पर ऐसे किसानो के गुलाबी फार्म भरे गए थे।
लेकिन यहां पदस्थ कृषि अधिकारी खडिय़ा की उदासीनता के कारण करीब 80 फार्म पोर्टल पर दर्ज नही हो पाए और पोर्टल बंद हो गया। जब इसकी भनक किसानो को लगी तो किसान यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ जनपद पंचायत के पास स्थित सेंटर पर पहूंचे, तो कृषि अधिकारी से इसका कारण जानना चाहा, लेकिन वह कुछ साफ जवाब नही दे पाए, और उन पर भडक़ गए, जिसके बाद काफी देर तक बहस चलती रही। खुद जिलाध्यक्ष का भी ऋण माफ होना था, लेकिन उनका भी फार्म उन 80 फार्मो में शामिल था। उन्होनें 5 फरवरी को आवेदन जमा कर दिया था।
होगा आंदोलन, करेंगे धरना प्रदर्शन, बैठेंगे अनशन पर:
पेटलावद जनपद क्षैत्र में इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद किसान यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ व किसान नेता जितेंद्र पाटीदार ने घोर निंदा की है। उन्होनें ऐसे कर्मचारियो के प्रति निलंबन की मांग की है जो जय किसान ऋण माफी योजना को गंभीरता से नही ले रहे है, तथा अपना काम समय पर पूरा नही करते है। उन्होनें सभी किसानो की तरफ से चेतावनी दी है कि अगर किसान योजना में सम्मिलित नही हो पाए तो किसानो की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा और धरना प्रदर्शन भी होगा, यहीं नही अगर फिर भी हम किसानो की मांग नही सुनी तो हम अनशन पर बैठेंगे, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन-प्रशासन के जिम्मेदारो की रहेगी।
जिम्मेदारो के टालमटोल जवाब-

जैसे ही पोर्टल चालू होता है दर्ज किए जाएंगे:
इस संबंध में कृषि विकास अधिकारी एके खडिय़ा से चर्चा की तो उनका यही टालमटोल जवाब था कि मेरे पास अभी 80 फार्म मौजूद है, जो पोर्टल पर दर्ज नही हो सके। जैसे ही पोर्टल चालू होता है फार्म मेरे द्वारा दर्ज कर दिए जाएंगे। जब पोर्टल खुला तो जितने फार्म जमा हो सके उतने मेरे द्वारा कर दिए गए।

सभी फार्म जमा किए जाएंगे, किसान नही रहेंगे वंचित:
सरकार की महत्वाकांशी योजना से किसानो को वंचित नही रहने दिया जाएगा, 80 फार्मो में से अधिकतर फार्म पोर्टल पर दर्ज हो चुके है, और जो दर्ज नही हो पाए उन्हें जैसे ही पोर्टल खुलता है दर्ज कर दिए जाएंगे। अभी हम जो कमियां फार्मो में मिली है उसे पूरी करने की तैयारी कर रहे है।  – महेंद्र घनघोरिया, सीईओ, जपं पेटलावद

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