कांग्रेस पांच क्विंटल दूध से करेगी नर्मदा का शुद्धिकरण

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अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट-
पर्यावरण सरंक्षण व संवर्धन के नाम पर निकाली जा रही नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने नर्मदा तटों के समीप शराबबंदी की घोषणा कर नर्मदा नदी के आसपास के क्षेत्र में संचालित 58 शराब दुकाने बंद करवा दी, जो कि सराहनीय कदम है। लेकिन अलीराजपुर व झाबुआ जिले में गुजरात सीमा से सटे छोटे-छोटे आबादी वाले गांवों में करोड़ों रुपए के शराब ठेके नीलाम कर दिए गए, जबकि इन गंावों के आदिवासी इतनी महंगी शराब का सेवन करते ही नहीं है। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में लागू शराबबंदी को धत्ता बताते हुए यहां से करोड़ों-अरबों रुपए की अवैध शराब को शराब माफिया गुजरात की और सप्लाई कर रहे है, जिससे गुजरात की शराबबंदी विफल हो चुकी है। यह आरोप लगाते हुए अलीराजपुर जिले के कांग्रेस के कार्यवाहक जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल में व्यापमं घोटाला हुआ और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमबीबीएस के 634 छात्रों का चयन निरस्त कर दिया गया। प्रदेश लगातार अवैध उत्खनन जारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश लगातार भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री अपनी साख व लोकप्रियता बनाए रखने के लिए नित नए हथकंडे अपनाते नजर आ रहे हैं। इसलिए पर्यावरण सरंक्षण व धर्म के नाम निकाली जा रही नर्मदा सेवा यात्रा का भी राजनीतिकरण कर दिया गया है।
जिले की जनता परेशान-
पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रदेश सहित जिले में लोग परेशान है, विकास कार्य ठप पडे हुए है। उन्न्होंने कहा कि खुले में शौच के मुक्त करने का श्रेय लेने के लिए कलेक्टर व जिला प्रशासन द्वारा लोगों पर कई तरह से दबाव बनाया जा रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है जबकि स्वयं सरकार की ही तैयारिया पूरी नहीं है। ऐसे में लोगों का क्या दोष है, उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है। यहां तक की कई लोगों को राशन दुकानों से अनाज के लिए भी वंचित कर दिया गया। बखतगढ-सोंडवा रोड पर अकलघरा से साकडी तक की सडक तक नहीं बनाई गई, कई सालों से रोड अपूर्ण है, जबकि इस मार्ग से नर्मदा परिक्रमावासी सैकड़ों यात्री गुजरते है। उनके लिए पेयजल, शौचालय, आवास सहित अन्य सुविधाएं मौजूद नहीं है। वहीं नर्मदा क्षेत्र के लोग परेशानी में जीवन जी रहे है। नर्मदा सेवा यात्रा व ओडीएफ के नाम पर पिछले तीन महीनों से जिले के लोगों के काम नहीं हो रहे है। प्रशासन का सारा अमला सिर्फ इन्हीं दो कामों पर ध्यान लगाए बैठा है। इससे जिले के पांच अन्य विकासखंडो के लोग अपने काम करवाने के लिए चक्कर काट-काट कर थक चुके है। वहीं प्रशासन के दबाव से कर्मचारी भी परेशान है। अभी कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उद्यानिकी विभाग के एक कर्मचारी द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा के नाम पर अफसरो द्वारा हुकुमत चलाए जाने संबंधी पोस्ट भी वायरल हुई थी। जो इस बात की पुष्टि करती है कि प्रशासन पूरी तरह से इन्हीं दो कामों में झोंक दिया गया है।
नर्मदा का किया जाएगा शुद्धिकरण
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर जिले में आई नर्मदा सेवा यात्रा का हम दिल से स्वागत करते है। परंतु इस यात्रा को अघोषित रूप से राजनितिक यात्रा में तब्दील कर राजनीतिक रूप दे दिया गया है। मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन, बदहाल कानून व्यवस्था, बढ़ते महिला अपराध, प्रदेश में महंगा पेट्रोल व डीजल सहित अन्य परेशानियों के विरोध में हम मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद आगामी दिनों में नर्मदा शुद्धिकरण यात्रा निकालकर पवित्र व श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र नर्मदा मैया का सवा पांच क्विंटल दूध से शुद्धिकरण करेंगे।
अब केंद्र से रुपए मांगने में भी शर्माने लगे सीएम
महेश पटेल ने कहा कि जब से पीएम मोदी ने सत्ता संभाली है केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के बजट में कमी की जा रही है जबकि यूपीए कार्यकाल में विपक्षी होने का फायदा उठाकर सीएम धरना आंदोलन कर केंद्र सरकार से अरबो रूपया ले आते थे। आज जब एनडीए शासित सरकार के पीएम मोदी लगातार प्रदेश के हक के पैसो में कटौती कर रहे है तो सीएम रुपए मांगने में शरमा रहे है। जबकि पहले विभिन्न योजनाओं के रूपयों की मांग को लेकर यूपीए सरकार की नाम में दम करके रखते थे, आज वे मौन साधे क्यों बैठे है।

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