कहीं प्रतिबंधित क्षेत्र के व्यापारियों की लापरवाही पूरे क्षेत्र को संक्रमण में धकेल दे….!!!

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ के आसपास के क्षेत्र में इन दिनों कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। विगत महीनों से आम्बुआ तथा समीप ग्राम बोरझाड़ लॉकडाउन तथा अन्य प्रतिबंधित कारणों के कारण इस महामारी से अछूता बना रहा है । मगर अब लगता है कि अनलॉक हो जाने के कारण बाहरी क्षेत्रों से आ रहे छोटे बड़े व्यवसायियों के कारण क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। इधर प्रशासन की सुस्ती भी इसमें अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग करती नजर आ रही है ।प्रशासन को अविलंब सख्ती दिखाना जरूरी माना जा रहा है। आम्बुआ के नागरिकों की मांग है कि बाहर से आने वाले व्यवसायियों को कुछ माह तक यहां आने से रोकना चाहिए।

जैसा की विदित है की विश्वव्यापी कोरोना महामारी से सारा विश्व परेशान हैं। भारत तथा मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है प्रदेश के सुदूर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र भी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। विगत महीनों किए गए लॉकडाउन के कारण आम्बुआ तथा आसपास का क्षेत्र इस महामारी से बचा हुआ है अब अनलॉक घोषित किए जाने के बाद से आम्बुआ में प्रतिदिन तथा साप्ताहिक हाट बाजार (हाट बाजार प्रतिबंधित होने के बावजूद) के दिन बाहरी कस्बों एवं शहरों से छोटे बड़े व्यवसाई आकर दुकान लगा रहे है,  जबकि वे जहां से आ रहे हैं वहां (आजाद नगर, जोबट, खट्टाली, उदयगढ़, राणापुर) में कोरोना पॉजिटिव का इलाज चल रहा है तथा जांच के लिए लिए गए सैंपल का परीक्षण चल रहा है। जोबट में लॉकडाउन किया गया है ।इसके बावजूद यहां से व्यापारी बाहर निकल कर आम्बुआ में धंधा कर रहे हैं कुछ व्यापारियों ने यहां दुकान किराए से ली जरूर है ।मगर उनका प्रतिदिन आना जाना अपने कस्बों से हो रहा है जहां पर लॉकडाउन किया हुआ है ।इधर प्रशासन की सुस्ती समझ से परे है कि रेड जोन (प्रतिबंधित क्षेत्र) से इन व्यवसायियों को निकलने क्यों दिया जा रहा है तथा आम्बुआ में व्यवसाय कैसे करने दिया जा रहा है, जबकि इनके कारण संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है । नागरिकों की मांग है कि इन्हें तत्काल प्रतिबंधित किया जाए ताकि क्षेत्र में संक्रमण फैलने से बचा जा सके।

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