अलीराजपुर live डेस्क के लिऐ फिरोज खान / वसीम राजा की ” Exclusive ” रिपोर्ट ।
अलीराजपुर जिले मे एक नया खाद्यान्न घपला सामने आया है ओर इसका खुलासा किसी आरटीआई से नही हुआ है ओर ना ही किसी बडी जांच एजेंसी से हुआ है बल्कि खुद अलीराजपुर के कलेक्टर ” शेखर वर्मा” ने इसका खुलासा करते हुऐ अब तक विगत चार महीने मे ही 85000 राशन कार्ड या फर्जी आईडी रद्द कर दी है इससे सालाना सरकार को 36 करोड रुपये की बजत होगी । अब कलेक्टर शेखर वर्मा ने दोषीयो की तलाश के लिए जांच शुरु करने के आदेश दिये है ।
चार महीने मे क्विंटलों की बचत —-
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दरअसल इस घोटाले की पकड उस समय कलेक्टर ने की जब यह बात सामने आई कि जिले की आबादी से अधिक आईडी बन चुकी है ओर उसी के अनुसार खाद्यान्न आवंटनम उठ रहा है पड़ताल मे यह बात सामने आई कि सरपंच / सचिवों को राशन कार्ड बनाने का अधिकार ही नही है लेकिन उनके द्वारा ना सिर्फ राशन काड॔ बनाए जा रहे है बल्कि उन कार्डो पर राशन ओर आईडी जारी हो रहे है वैसे ही तत्काल ऐसे राशन कार्डो को रद्द करने का आदेश दिया गया ओर उसके अनुसार मई से लेकर 20 अगस्त तक 85 हजार आईडी या राशन कार्ड रद्द कर दिए गये है अब केवल तहसीलदार ओर एसडीएम द्वारा जारी राशन कार्ड या आईडी ही मान्य होगे ।
अब होगी इतनी राशि की बचत
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विगत 4 माह के दोरान ही शाशन को फर्जी आईडी रद्द करने से 10 करोड से ऊपर की बचत हो चुकी है यह बाजार मूल्य के अनुसार राशि है शाशन स्तर पर इसे कम आंका जा रहा है ।अब तक 17334 क्विटंल गेंहू , 772 किलो लीटर केरोसिन , 1272 क्विंटल शक्कर एंव 1103 किलो नमक की बचत हुई है अगर हम इसे दूसरे शब्दों मे कहे तो ओसतन हर तिमाही मे सरकार को करोडो का चूना लगा रहा था ।
क्या जिम्मेदारो पर कारवाई संभव है ?
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अगर अलीराजपुर के इस पीडीएस खाद्यान्न घोटाले के जिम्मेदारो की तलाश करे तो लंबी फेहरिस्त सामने आ रही है बडा सवाल फर्जी आईडी ओर राशन कार्ड जब बन कर चलन मे आई रहे थे तो तत्कालीन कलेक्टर , राजस्व अधिकारी ओर खाद्य विभाग के अधिकारी मोन क्यो थे ? ओर अब क्या उनके खिलाफ कोई कारवाई होगी या जांच के नाम पर सब कुछ लंबित हो जायेगा ?
यह बोले कलेक्टर ——
” हा मैनें यह गड़बड़झाला पकडा है ओर आगे भी कुछ गडबड होगी तो पकड़ा जायेगा । दोषी कौन है उसकी जांच होगी ओर फिर कारवाई की जायेगी ”
” शेखर वर्मा — कलेक्टर अलीराजपुर “